Gemology: सिर्फ 30 दिन में ही असर दिखाना शुरू कर देता है ये रत्न, बृहस्पति के मजबूत होते ही बढ़ने लगता है बैंक बैलेंस
Pukhraj Wearing Rules: रत्न शास्त्र के अनुसार हर रत्न का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. कुंडली में किसी ग्रह के कमजोर होने या अशुभ फलों को कम करने के लिए ज्योतिष द्वारा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.
Yellow Sapphire Stone Benefits: रत्न शास्त्र में बहुत से रत्न और उपरत्नों का जिक्र मिलता है. हर रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंध रखता है. कुंडली में किसी भी ग्रह को मजबूत करने और उसके शुभ फलों की प्राप्ति के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. ऐसे ही रत्नशास्त्र में पुखराज को बेहद शक्तिशाली रत्न माना गया है. इसे देवगुरु बृहस्पति को मजबूत करने के लिए धारण किया जाता है. बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को सुख-समृद्धि और धन-दौलत का कारक माना गया है.
किसी भी जातक की कुंडली में गुरु बृहस्पति के मजबूत होने पर व्यक्ति को सुखी औख संपन्न जीवन की प्राप्ति होती है. रत्न शास्त्र में इसे धारण करने के कई लाभ बताए गए हैं. लेकिन एक खास बात का ध्यान रखें कि रत्न हमेशा ज्योतिष की सलाह से ही धारण करें. आइए जानते हैं किन राशि विलों के लिए पुखराज रत्न पहनना वरदान के समान है.
ये राशि के जातक धारण कर सकते हैं पुखराज
रत्न शास्त्र के अनुसार अगर पुखराज किसी जातक को सूट कर जाए,तो वे 30 दिन में असर दिखाने लगता है. पुखराज रत्न बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशियां धनु और मीन राशि के जातकों के लिए ये वरदान के समान है. वहीं, मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के जातक भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं.
ये लोग भूलकर भी न पहनें पुखराज
ज्योतिष शास्त्र में रत्न हमेशा ज्योतिष की सलाह से ही धारण करना चाहिए. ऐसे में पुखराज रत्न वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों को भूलकर भी धारण नहीं करना चाहिए. कुथ परिस्थितियों में ही इन राशि के जातकों को ये धारण करने की सलाह दी जाती है. लेकिन कोई भी रत्न धारण करने से पहले एक बार अपने ज्योतिष से सलाह अवश्य ले लें.
पुखराज पहनने के लाभ
रत्न शास्त्र में बताया गया है कि पुखराज व्यक्ति की बुद्धि, स्मरण शक्ति और ज्ञान को बढ़ाता है. साथ ही, जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाता है. व्यक्ति की धन-दौलत में वृद्धि होती है. व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, समाज में मान-सम्मान बढ़ता है. इतना ही नहीं, वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाता है और मन को शांति प्रदान करता है.
पुखराज धारण करने की विधि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को कम से कम 3.25 कैरेट का पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है. कहते हैं कि ये रत्न गुरुवार के दिन सोने या चांदी की अंगूठी में धारण किया जाता है. इससे धारण करने से पहले इसे गंगाजल और दूध से शुद्ध कर लें. गुरुवार के दिन सूर्योदय के बाद स्नान आदि करके इसे अपने दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करने से लाभ होगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)