Kawad Yatra Date 2023: इस बार सावन का महीना बेहद खास रहने वाला है. 4 जुलाई से शुरू हो रहा ये महीना पूरे 59 दिनों का होगा. ऐसे में भक्तों के पास भोलेशंकर की उपासना के लिए करीब 2 महीने का समय होगा. सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कावड़ यात्रा की शुरुआत हो जाती है. भगवान शिव के भक्त हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख से कावड़़ में गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. जो लोग सच्चे मन से कावड़ यात्रा करते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. 


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जो लोग इस बार कावड़ यात्रा में जाने की सोच रहे हैं तो उनके लिए कुछ नियम होते हैं. कावड़ यात्रा में जाने वाले लोग अगर इन नियमों का पालन नहीं करते तो उनको इसका फल प्राप्त नहीं होता है.


नशा


कावड़ यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का नशा और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. सात्विक रहकर पूरी श्रद्धा के साथ यात्रा का आनंद लेना चाहिए. कावड़ को स्नान करने के बाद ही हाथ लगाना चाहिए और इस पर चमड़े का स्पर्श नहीं होना चाहिए.


पैदल


कावड़ यात्रा कितनी भी दूर की जाए, किसी भी गाड़ी या वाहन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. भक्तों को पैदल ही कावड़ लेकर आना चाहिए और गंगाजल से महादेव का अभिषेक करना चाहिए. कावड़ को किसी चारपाई या पेड़ के नीचे नहीं रखना चाहिए और सिर के ऊपर से भी नहीं ले जाना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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