Kundali Upay: कुंडली में इन ग्रहों के कमजोर होने से बढ़ जाती है मुसीबत, अभी से हो जाएं सतर्क
Kundli Dosh: सभी 12 राशियों का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. जब यह ग्रह किसी जातक की कुंडली में कमजोर हों या कोई दोष हो तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में समय रहते ही सावधान हो जाना ही बचाव का जरिया है.
Jyotish Upay: वैसे तो हर इंसान अपनी क्षमता के मुताबिक मेहनत करता है, जिसका फायदा उसको और परिवार को मिल सके. हालांकि, जातक की कुंडली में ग्रह दोष होने की वजह से मेहनत का फायदा नहीं मिल पाता और उसको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ ऐसे ग्रह हैं जो जातक को फायदा तो पहुंचाते ही हैं, साथ ही कमजोर होने पर नुकसान भी कराते हैं. आज कुछ ऐसे ही ग्रहों के बारे में बताएंगे.
शनि
जातक को शनि ग्रह के परिणाम देर से प्राप्त होते हैं. इसकी वजह उनकी धीमी चाल है. शनि को आयु, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, जेल का कारक ग्रह माना जाता है. ऐसे में शनि अगर किसी जातक की कुंडली में कमजोर हो या दोष हो तो ऐसे लोगों को इससे संबंधित काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
बृहस्पति
बृहस्पति को सभी ग्रहों के गुरु की संज्ञा मिली है. बृहस्पति को शिक्षा, धर्म, दान, परोपकार, संतान का कारक माना जाता है. जब गुरु किसी जातक के कुंडली में कमजोर होते हैं तो उसको इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
बुध
बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, गणित, संचार, चतुरता का कारक माना गया है. ऐसे में जब भी किसी जातक की कुंडली में बुध कमजोर स्थिति में होते हैं तो उसको गणित, तर्कशक्ति, बुद्धि , संवाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
शुक्र
पुरुषों की कुंडली में शुक्र ग्रह को वीर्य का कारक माना जाता है. यह ग्रह विवाह, प्रेम, सौन्दर्य, रोमांस, विलासिता, भौतिक सुख-सुविधा, कला, पति-पत्नी से संबंधित होता है. शुक्र के मजबूत होने जातक को इन सभी सुविधाओं की प्राप्ति होती है. वहीं, अगर कमजोर स्थिति में होने पर इससे संबंधित अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)