Sun in Horoscope: ग्रहों के राजा सूर्य का किसी व्यक्ति की कुंडली में बलवान या कमजोर होना बहुत मायने रखता है. सूर्य की स्थिति उस व्यक्ति के जीवन का भविष्य निर्धारण करने में बहुत सहायक होती है. कुंडली में मेष, कुंभ, सिंह, वृश्चिक एवं धनु लग्न में सूर्य प्रबल योगकारक माना गया है. इन लग्नों की कुंडली में यदि सूर्य अनुकूल हो तो व्यक्ति के किए गए कार्यों पर यश प्राप्त होता है. उस व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता अच्छी रहती है और उसको उच्च पद प्राप्त होने की प्रबल संभावना रहती है. 


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ऐसे लोग पिता का उत्तम सुख मिलने के साथ ही निरोगी रहते हैं. यदि सूर्य अत्यधिक बलवान हो कुंडली में शुभ प्रभाव में हो तो व्यक्ति की यश कीर्ति देश ही नहीं विदेश तक में फैलती है. ऐसे व्यक्ति को उच्च अधिकार प्राप्त होते हैं और वह प्रशासनिक अधिकारी बन सकते हैं.


इसके दूसरी ओर सूर्य निर्बल हो अथवा शनि-राहु के प्रभाव हों तो व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब रहता है. पिता से अनबन बनी रह सकती है, साथ ही पिता का साया जल्दी उठ जाता है. सरकार से जुड़े हुए मामलों के हल में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. किए गए कार्यों में जब व्यक्ति यश की कामना करता है तो यश के स्थान पर बदनामी मिलने की आशंका ज्यादा रहती है. ऐसे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और और शरीर दुर्बल तथा रोगों से युक्त होने लगता है. ऐसे लोगों को कोई न कोई लंबी बीमारी घेर लेती है. जो लोग मादक पदार्थ जैसे- सिगरेट, मांस, शराब और गुटखा आदि खाते हैं, वह सूर्य की कृपा से सदैव वंचित रहते हैं.


उपाय


- कुंडली में सूर्य के कमजोर होने की स्थिति अथवा पाप ग्रहों का प्रभाव हो तो सूर्य की कृपा पाने के लिए रोज सूर्योदय के पहले जागकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. 


- पिता, उच्चा अधिकारी, सरकार आदि का सम्मान करें. 


- रविवार के दिन उपवास रख कर सोना तांबा या गुड़ सामर्थ्य के अनुसार दान दें.


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