Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण के साथ सूतक काल में भी बरतें ये सावधानियां, नजरअंदाज करना पड़ जाएगा भारी
Chandra Grahan 2022: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अशुभ घटना माना गया है. इस दौरान ज्योतिष में कई कार्यों की करने की मनाही है. लेकिन कुछ घंटे पहले लगने वाले सूतक में भी व्यक्ति को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए.
Chandra Grahan 2022 Sutak Kaal: ज्योतिष के अनुसार ग्रहण को अशुभ घटना माना गया है. अतः इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से मना किया जाता है. इस दिन मंदिरों में पूजा भी करने की मनाही है. लेकिन ग्रहण के दौरान एक स्थान पर बैठकर भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करने से कई गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है. वहीं, शास्त्रों में इस दौरान बहुत सी ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है, जिन्हें करने से परहेज किया जाता है.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ऐसे में ग्रहण के साथ ज्योतिष में सूतक काल में भी बहुत-सी चीजों को न करने की सलाह दी गई है. अगर इस दौरान जरा-सी लापरवाही की जाए, तो व्यक्ति को लेने के देने पड़ सकते हैं. कल 8 नवंबर को पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसका सूतक सुबह से ही शुरू हो जाएगा और ग्रहण के समाप्त होने तक रहेगा. आइए जानते हैं सूतक के दौरान किन कार्यों को नहीं करना चाहिए.
ग्रहण के समय क्या करना चाहिए
- खग्रास चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ, दान और जाप आदि का विशेष महत्व होता है. इस दिन पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करना लाभदायी होता है. मंत्रों का जाप किया जाता है. इस समय मंत्र जाप से जल्द सिद्धि प्राप्त होती है.
- इस दौरान धर्म से जुड़े लोगों को अपनी राशि के अनुसार या किसी योग्य ब्रह्माण से सलाह लेकर दान करना चाहिए. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की ज्यादा से ज्यादा मदद करनी चाहिए.
सूतक में न करें ये कार्य
- ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि ग्रहण के समय या सूतक के समय भगवान की मूर्ति को भूलकर भी स्पर्श नहीं करना चाहिए.
- इस दौरान खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना आदि कार्य करने से भी मना किया जाता है.
- सूतक काल में किसी से झूठ बोलना, छल-कपट, बेकार का वार्तालाप और मूत्र विसर्जन आदि से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है.
- कहते हैं कि सूतक शुरू होने से पहले ही आचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद्य पदार्थों में कुशा तृण डाल दें, जिससे ये दूषित न हों. कुशा न होने पर तुलसी का पत्ता भी डाला जा सकता है.
- कहते हैं कि सूतक के दौरान की गर्भवती महिलाएं पेट पर गोबर का लेप कर लें. इस दौरान चाकू, सुई आदि से कोई कार्य न करें. इस दौरान टहलने और सोने से भी परहेज करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)