Mauni Amavasya Importance: माघ मौनी अमावस्या पर मान्यता है कि इस दिन सुबह जागने के बाद मौन रहते हुए गंगा या किसी अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं. सामान्य जन इस मान्यता के अनुसार ही सुबह मौन रखते हुए स्नान कर पूजन अर्चना कर दान कर्म करने के बाद ही बोलते हैं अर्थात वाणी का उपयोग करते हैं और फिर जलपान आदि ग्रहण करते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मौनी अमावस्या को केवल स्नान तक ही मौन नहीं रखना चाहिए बल्कि 24 घंटे का मौन उपवास करना चाहिए. 24 घंटे के मौन से मन पवित्र हो जाता है, तन की पवित्रता तो जल से स्नान करने से हो जाती है किंतु मन की पवित्रता मौन से ही होती है. नाम जप में भी मौन का बहुत अधिक महत्व है. हम जो भी जाप बोल कर करते हैं, उसका प्रभाव एक गुना पड़ता है लेकिन जो जाप मौन रह कर करते हैं उसका प्रभाव अनंत गुना हो जाता है. इसलिए मौनी अमावस्या पर 24 घंटे का मौन धारण करें और मौन रहकर ही प्रभु का जाप करें. 


इन कामों का करें त्याग 


- यदि आप तंबाकू, गुटखा, सिगरेट या शराब आदि व्यसन का सेवन करते हैं तो फिर उसका त्याग करना होगा. 


- झूठ न बोलें, इसके लिए सबसे अच्छा यही है कि 24 घंटे का मौन धारण कर लें. 


- मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय के पहले ही उठ जाएं और स्नान पूजन आदि कर निवृत्त हो जाएं. 


- जो लोग अस्वस्थ हैं वह भी प्रयास कर प्रातः जागने के बाद स्नान आदि कर पूर्व दिशा की ओर देखते हुए ध्यान लगाएं और सूर्य का मन से जाप करें. 


- इस दिन शमशान की तरफ से नहीं गुजरना चाहिए खास तौर पर गर्भवती महिलाएं इस बात का ध्यान रखें. अमावस्या में रात्रि के समय तांत्रिक तंत्र साधना करते हैं, जिससे निगेटिव ग्रह एक्टिवेट हो जाते हैं. 


- इस दिन किसी से भी लड़ाई झगड़ा न करें. 


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)