Gemstones For Zodiac Signs: रंग बिरंगे रत्न मन को भा जाते हैं किंतु इन्हें यूं ही अच्छा लगने के लिए नहीं धारण करना चाहिए बल्कि धारण करने के पहले इनका विश्लेषण करना जरूरी होता है नहीं तो रत्न अपेक्षित फल देने के बजाय उल्टा असर दिखाना भी शुरु कर देते हैं. रत्नों में बहुत सारे गुण छिपे हैं जिनके चलते प्राचीन काल से इसका उपयोग किया जाता रहा है. रत्न पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं और जब जीवन की कई तरह की समस्याओं में व्यक्ति उलझ जाता है तो ये रत्न ही उनसे निकलने का रास्ता दिखाते हैं. लेकिन इन्हें धारण करने के पहले रत्नों के गुण दोषों का अपनी कुंडली के ग्रहों के अनुसार विश्लेषण कराना आवश्यक होता है. बिना विश्लेषण कराए यूं ही किसी रत्न को धारण करना हानिकारक भी हो सकता है. 


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कैसे धारण करना चाहिए रत्न? 


1. ज्योतिषीय सिद्धांत के अनुसार किसी भी व्यक्ति को अपनी राशि, लग्न, मूलांक या भाग्यांक, व्यवसाय, अनुकूल रंग, बीमारी की स्थिति में रोग के निवारण के अनुरूप रत्न को धारण करना चाहिए. इसके लिए जन्म कुंडली, हाथ, भाग्यांक तथा मूलांक का विश्लेषण करना आवश्यक होता है. 


2. कुंडली के अनुसार जो ग्रह अनुकूल हो उसी का रत्न धारण करना चाहिए. कभी भी अशुभ या प्रतिकूल ग्रह का रत्न नहीं धारण करना चाहिए नहीं तो अशुभ होने में देर नहीं लगती है. प्रतिकूल ग्रह होने पर उसका कोप मंत्र जाप, हवन और दान आदि के उपायों से शांत करना चाहिए. 


3. किसी भी रत्न को धारण करने के पहले उसका विधि विधान से पूजन अवश्य ही करना चाहिए. इतना ही नहीं ग्रहों की चाल को और फलदायी बनाने के लिए किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व दिन, तिथि, समय व विधि निर्धारित करना चाहिए. इनका पालन अवश्य ही करना चाहिए तभी तो उसे धारण करने वाले को पूरी तरह से लाभ मिल सकेगा जिसे पाने के लिए वह रत्न को धारण करने जा रहे हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)