Hast Rekha Shastra: हस्‍तरेखा शास्‍त्र में हाथ की रेखाओं, आकृतियों, निशान, तिल आदि के जरिए व्‍यक्ति की जिंदगी के हर क्षेत्र के बारे में जानने का तरीका बताया गया है. इन रेखाओं, पर्वतों, निशानों में 4 रेखाएं ऐसी हैं, जिन्‍हें हस्‍तरेखा शास्‍त्र में बहुत अहम माना गया है. ये रेखाएं व्‍यक्ति के जीवन और भविष्‍य के बारे में बहुत जानकारी देती हैं. आइए इन रेखाओं और उनसे भविष्‍य जानने के तरीके के बारे में जानते हैं. 


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हथेली की सबसे अहम रेखाएं 


भाग्य रेखा: यह रेखा हथेली के बीचों बीच लंबाई में होती है. यदि यह स्‍पष्‍ट, साफ और गहरी हो और मणिबंध से शुरू होकर शनि पर्वत तक जाए तो व्‍यक्ति बहुत ही भाग्‍यशाली होता है. ऐसा व्‍यक्ति अपने जीवन में खूब सफलता और ऊंचा पद पाता है. 


ह्रदय रेखा: यह रेखा सबसे छोटी उंगली के नीचे से शुरू होकर तर्जनी उंगली के नीचे जाती है. यह रेखा व्‍यक्ति के गुणों, उसकी संवेदनाशीलता और स्‍वभाव के बारे में बताती है. इस रेखा का तर्जनी उंगली के नीचे के उभार तक जाना अच्‍छा होता है. साथ ही दिल की बीमारियों के बारे में बताती है. 


जीवन रेखा: यह रेखा मणिबंध या उसके पास से निकलकर अंगूठे और तर्जनी के बीच से हथेली के किनारे को छूती है. इससे व्‍यक्ति की उम्र, मृत्यु का कारण, जिंदगी में आने वाले बड़े संकट या दुर्घटना के बारे में पता चलता है. यदि यह रेखा स्‍पष्‍ट हो तो जीवन खुशहाल और सेहतमंद होता है. वहीं रेखा का टूटना या अधूरा होना अशुभ होता है. 


मस्तिष्क रेखा: तर्जनी और अंगूठे के बीच से शुरू होकर हथेली के दूसरे हिस्‍से की ओर जाने वाली रेखा को मस्तिष्‍क रेखा कहते हैं. यह रेखा व्‍यक्ति की बुद्धिमत्‍ता, मानसिक स्थिति और उसकी सोच को बताती है. इस रेखा का साफ और स्‍पष्‍ट होना बहुत अच्‍छा होता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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