Pitru Dosh Upay 2022: पितृ पक्ष के 16 दिन पितरों को समर्पित होते हैं. इन दिनों में पितरों का स्मरण किया जाता है. इस दिन पितरों के पिंडदान, तर्पण और दान-कर्म आदि किया जाता है. पितरों का श्राद्ध करने से पितर संतुष्ट होते हैं और तृप्त होकर अपने लोक जाते हैं. पितृ पक्ष में पितृ दोष से मुक्ति के लिए कई उपाय बता गए हैं. पितृ दोष के चलते व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में व्यक्ति की तरक्की में भी बाधाएं उत्पन्न होती हैं. 


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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ पक्ष का समय बेहद खास होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ पेड़ों के बारे में बताया गया है. इन दिनों में इन पेड़ों की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इससे व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और आकस्मिक धन लाभ के योग बनते हैं. 


पितृ पक्ष में करें इन पेड़ों की पूजा


बरगद का पेड़- पितृ पक्ष के दौरान बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है. इसे वट वृक्ष भी कहा जाता है. पितृ पक्ष में बरगद के पेड़ की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. मान्यता है कि बरगद का पेड़ देवतुल्य है, इसमें भगवान शिव का वास होता है. 


- पितृ पक्ष में बरगद को जल में काले तिल मिलाकर देने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है. वहीं, पितरों की मुक्ति के लिए इन दिनों नियमित रूप से बरगद के नीचे बैठकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. 


पीपल के पेड़ की पूजा


- पीपल के पेड़ का भी विशेष महत्व है. इसकी नियमित रूप से पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. 


- शनि दोष, पितृ दोष से मुक्ति के लिए व्यक्ति को पीपल की उपासना करनी चाहिए. पीपल में पितरों को भी स्थान प्राप्त है. कहते हैं कि पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म करने के बाद पीपल में जल अर्पित करने से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है.


-  अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है,तो उससे छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से जल में दूध मिलाकर दोपहर के समय पीपल में अर्पित करनें. इसके  बाद शाम में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और पितृ सूक्त का पाठ करने से पितृ दोष के प्रभावों को कम किया जा सकता है. ये उपाय हर अमावस्या पर करने से लाभ होगा.  


बेल के पेड़ की पूजा


- धार्मिक मान्यता है कि बेल के पेडॉ़ में भगवान शिव और मां लक्ष्मी का वास होता है. मान्यता है कि अकाल मृत्यु होने पर उस परिवार के लोगों को श्राद्ध पक्ष में बेल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से पूर्वजों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है. 


- मान्यता है कि बेल का पौधा लगाने से उसकी सेवा नियमित उसकी सेवा से पितर प्रसन्न होते हैं. संतान संबंधी परेशानी, विवाह में बाधाएं और आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है. 


- पितृ पक्ष में सुबह-सुबह जल में गंगाजल मिलाकर अर्पित करना शुभ माना गया है. कहते हैं कि इसका पौधा सोमवार के दिन लगाना शुभ होता है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)