Pitru Paksha 2022: पितरों की नाराजगी का संकेत हैं घर में हो रही ऐसी घटनाएं! तुरंत कर लें बचने के उपाय
Pitra Dosh Upay: यदि पूर्वज नाराज हो जाएं तो अच्छे-भले जीवन में उथल-पुथल मच जाती है. घर में होने वाली कुछ अजीब घटनाओं से पितरों की नाराजगी का पता चल जाता है.
Pitru Paksha 2022 me Pitra Dosh Upay: हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण-श्राद्ध आदि कर्म करने के लिए 15 दिन का पितृ पक्ष समर्पित किया गया है. मान्यता है कि इन 15 दिनों के दौरान पितृ पृथ्वी पर आते हैं. इसलिए इस दौरान लोग 15 दिन तक पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान-उपाय करते हैं. यदि पितृ नाराज हो जाएं तो जीवन में कई संकट आ जाते हैं. आज हम ऐसे संकेतों के बारे में जानते हैं जो बताते हैं कि पितृ नाराज हैं. साथ ही पितरों की नाराजगी से निजात पाने के उपाय भी जानें.
पितरों के नाराज होने के संकेत
यदि मृतक का अंतिम संस्कार विधि-विधान से न हो, पितरों की शांति के तर्पण-श्राद्ध न किया जाए, पिंडदान न किया जाए तो व्यक्ति पर पितृ दोष लगता है. कई बार पूर्व जन्म से भी पितृ दोष आता है. पितृ दोष होने के लक्षण आम जिंदगी में भी दिखाई देते हैं.
- पितृ दोष के कारण व्यक्ति को मेहनत करने के बाद भी फल नहीं मिलता है. वह तनाव में रहता है, व्यापार में नुकसान झेलता है, करियर में रुकावटें आती हैं.
- पितृ दोष के कारण घर के लोगों के वैवाहिक जीवन में समस्या आ सकती है. अविवाहितों के विवाह में बेवजह बाधाएं आती हैं. कोई युवक-युवती उम्र गुजरने के बाद भी कुंवारा रह जाए.
- पूजा-पाठ का शुभ फल नहीं मिलता है. घर के एक ही सदस्य के खाने में बार-बार बाल निकलता है. यहां तक कि वह बाहर भी खाना खाने जाए तो भोजन में बाल निकलता है.
- घर में अकारण ही दुर्गंध आती है और उसका कारण पता नहीं चलता है. बाद में तो घर के लोगों को दुर्गंध आना भी बंद हो जाता है हालांकि बाहरी लोगों को दुर्गंध आती है.
- सपने में बार-बार पूर्वजों का दिखना, रोना या कुछ खास संकेत देना.
- शुभ कामों में अड़चनें आना, शुभ कार्यों-त्योहारों के दिन झगड़े होना या कोई अशुभ घटना होना और खुशी का मौका दुख में बदल जाना.
- बिना किसी शारीरिक समस्या के संतान न होना. कई दंपत्तियों के साथ ऐसा होता है.
पितृ दोष से निजात पाने के उपाय
पिंडदान करें, गो-दान करें. पितरों की शांति के लिए अनुष्ठान करना. कौवों को भोजन देना. पितृ दोष शांति का उपाय कराना. भगवान भोलेनाथ का ध्यान करते हुए ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात मंत्र की एक माला रोज जपना.
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