Rahu-Ketu Gochar 2023: हर ग्रह अपने निश्चित समय पर गोचर करता है और उसका प्रभाव सभी राशि के जातकों के जीवन पर साफ देखा जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु को पापी ग्रह माना गया है. किसी भी अन्य ग्रह के साथ इनकी युति जातकों को शुभ या अशुभ फल प्रदान करती है. बता दें कि इस समय राहु मेष राशि में विराजमान हैं और 31 मई को चंद्रमा तुला राशि में गोचर करेगा और 3 जून तक इसी राशि में विराजमान रहेगा.


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चंद्रमा के गोचर करने से ग्रहों की स्थिति से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है क्योंकि गुरु ग्रह की चंद्रमा पर दृष्टि पड़ रही है. ये समय कुछ राशियों के नसीब खोलने वाला है. राहु मेष राशि में है और गुरु के साथ युति बना रहा है. बता दें कि गजकेसरी योग राहु-केतु अक्ष के भीतर बन रहा है, इसलिए यह कई राशि वालों के लिए नकारात्मक साबित होगा.


मेष राशि


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पहले भाव में बृहस्पति और राहु की युति बन रही है. वहीं, सातवें भाव में चंद्रमा केतु की युति बन रही है. इस दौरान ये जातक बुद्धि का इस्तेमाल ज्यादा करेंगे. वहीं, उच्च ज्ञान की प्राप्ति होगी. ज्योतिषीयों के अनुसार आपका आत्मविश्वास आपको परेशानी में डाल सकता है. वहीं, अगर आप अपने नकारात्मक पक्ष को सकारात्मक पक्ष पर हावी होने देंगे, तो इसका प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन को नुकसान पहुंचाएगा. इस अवधि में साथी के बीच टकराव पैदा हो सकती है. समाज में इन जातकों की प्रतिष्ठा खो सकती है. ऐसे में इन्हें विशेष रूप से सावधान रहना होगा.


कर्क राशि


बता दें कि कर्क राशि वालों के लिए चतुर्थ और दशम भाव में धुरी में योग बनेगा. ज्योतिषीयों के अनुसार चंद्रमा के साथ केतु चतुर्थ भाव में और गुरु राहु के साथ 10वें भाव में रहेगा. इस दौरान इस राशि वालों को व्यावसायिक सफलता मिल सकती है. वहीं, बॉस के साथ कई तरह की समस्याएं भी पैदा कर सकता है. इस अवधि में आपको नौकरी तक छोड़नी पड़ सकती है. कार्यस्थल पर संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है. घर का माहौल खराब कर सकता है. इन ग्रहों का कुंडली में होना मां के साथ संबंधों को खराब कर सकता है.


तुला राशि


बता दें कि गजकेसरी योग तुला राशि के सातवें और पहले भाव की धुरी पर बन रहा है. प्रथम भाव में चंद्रमा केतु की युति करेगा और सातवें भाव में बृहस्पति और राहु की युति होगी. ऐसे में आपको धन हानि के योग बन रहे हैं. नकारात्मक विचार जीवन में परेशानियां खड़ी करेंगे. इसके साथ ही बृहस्पति और राहु आपके विवाह में परेशानियां उत्पन्न कर सकते हैं. विवाहित जोड़ों को के बीच वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है.


वृश्चिक राशि


इस राशि के जातकों के लिए चंद्रमा-केतु की युति 12 वें भाव में होने जा रही है. वहीं, छठे भाव में गुरु-राहु की युति होगी. आर्थिक रूप से ये व्यक्ति अच्छा कर सकते हैं. इस अवधि में वृश्चिक राशि के जातकों को भाग्य का साथ नहीं मिलेगा. क्योंकि आपके नवम भाव का स्वामी 12वें भाव में केतु के साथ युति करेगा. इस दौरान घर में कोई धार्मिक या आध्यात्मिक समारोह में बाधाएं उत्पन्न होंगी. वैवाहिक जीवन में कई परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)