Rahu Mahadasha Period: राहु भले ही छाया ग्रह है लेकिन इसकी अहमियत किसी ग्रह की तरह ही है. राहु की नजर नवम, सप्तम और पंचम भाव में होती है. जिन भावों पर राहु अपनी नजर डालता है, उनको महादशा से गुजरना पड़ता है. राहु की महादशा 18 साल तक चलती है. इसके अलावा अगर राहु की महादशा के साथ किसी और ग्रह की अंतर्दशा भी चल रही हो तो लोगों को खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए. अब समझिए राहु की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतर्दशा से क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय आपको करने चाहिए.


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राहु में शनि की अंतर्दशा


राहु में शनि की अंतर्दशा की अवधि 2 साल 10 महीने और 6 दिन की होती है. इस कारण परिवार में कलह पैदा होती है और बात तलाक तक पहुंच जाती है. दुर्घटना, चोट और कुसंगति में पड़ने की संभावना बनी रहती है. उपाय के तौर पर आप भोलेनाथ को शमी के पत्ते चढ़ाएं. महामृत्युंजय मंत्र का खुद का फिर किसी ब्राह्मण से जाप कराएं. 


राहु में बुध की अंतर्दशा


ज्योतिष के मुताबिक, राहु में बुध की अंतर्दशा 2 साल 3 महीने और 3 माह की होती है. यह वक्त शुभ होता है. इस दौरान पुत्र प्राप्ति और धन के योग बनते हैं. आपको मित्रों का साथ मिलता है. साथ ही मान-सम्मान बढ़ता है. उपाय के तौर पर पक्षियों को हरी मूंग दाल खिलाएं. हाथी को नारियल गोले, हरे पत्ते या गुड़ खिलाएं. 


राहु में केतु की अंतर्दशा


राहु में केतु की अंतर्दशा एक साल 18 दिन की होती है. यह बेहद अशुभ स्थिति होती है. इस अवधि में जातक को आग से नुकसान, शत्रुओं से दिक्कत, बुखार, शारीरिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है. उपाय के तौर पर कुत्तों को बिस्किट-रोटी और कौओं को पूरी-खीर खिलाएं. भैरवजी के मंदिर में ध्वजा चढ़ाएं.


राहु महादशा में शुक्र की अंतर्दशा
 
शुक्र की अंतर्दशा राहु में तीन साल तक चलती है. इस दौरान आपको दांपत्य जीवन का आनंद मिलता है. जमीन, गाड़ी और भोग-विलास की चीजों की संभावनाएं पैदा होती हैं. अगर शुक्र और राहु शुभ नहीं हैं तो बदनामी, ठंड से जुड़े रोग और विरोध से आमना-सामना हो सकता है. उपाय के तौर पर नंदी की पूजा करें. सांड को गुड़ या घास खिलाएं. स्फटिक की माला पहनें. 


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