Vastu Shastra related to flowers: सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के लिए अलग-अलग फूलों के उपयोग के बारे में बताया गया है. मान्यता है कि हरेक आराध्य देव को अलग-अलग रंग के फूल पसंद होते हैं. पूजा के दौरान उन्हीं फूलों का इस्तेमाल करने से वे ज्यादा प्रसन्न होते हैं और जातक पर अपनी कृपा बरसाते हैं. वहीं अगर उन्हें दूसरा फूल चढ़ा दिया जाए तो नाराज भी हो जाते हैं, जिससे परिवार पर बुरे दिन भी शुरू हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि कौन से देवी-देवता पर कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये फूल अर्पित करने से भोलेनाथ हो जाते हैं रुष्ट 


देवों के देव कहे जाने वाले भोले शंकर (Lord Shiva) को भूलकर भी केतकी या केवड़ा के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं, जिसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है.


ऐसे फूल पसंद नहीं करते भगवान विष्णु 


दुनिया के पालनहार माने जाने वाले भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा के दौरान अगस्त्य, लोध और माधवी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए. ये तीनों फूल भगवान हरि को पसंद नहीं है और इन्हें चढ़ाने से वे क्रोधित हो जाते हैं.


मां दुर्गा को ये फूल चढ़ाना अशुभ 


जमीन पर गिरे हुए फूल, तेज गंध वाले या सूंघे हुए फूलों को मां दुर्गा (Maa Durga) पर कभी अर्पित नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही बिखरी पंखुड़ियों वाले फूलों को भी मां शेरावाली की पूजा में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. 


सूर्य देव को न चढ़ाएं ये फूल


दुनिया को रोशनी और ऊर्जा देने वाले सूर्य देव (Surya Dev) बेलपत्र या बिलवा पसंद नहीं है. इसलिए उनकी पूजा करते समय कभी भी ये फूल उन्हें अर्पित न करें. ऐसा करने से वे जातक से अप्रसन्न हो जाते हैं और अपना आशीर्वाद नहीं देते. 


भगवान राम को अर्पित न करें ये फूल


शास्त्रों के मुताबिक, भगवान राम (Lord Rama) की पूजा के दौरान कभी भी कनेर के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान श्रीराम रुष्ट हो जाते हैं. जिससे उनकी पूजा के बावजूद आपको फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें