Hath ka Angutha: हाथ का अंगूठा खोल देगा आपके सारे राज, आकार से समझें भविष्य के संकेत
Samudrik Shastra: हाथ का अंगूठा लचकदार हो यानी पीछे को मुड़ने पर धनुष की भांति आकार ले. यदि सख्त हो तो पहले भाग को दबाने पर पीछे को नहीं मुड़ता. इन दोनों विशेषताओं का संबंध व्यक्ति के स्वभाव और आचरण से होता है.
Person Nature by Their Thumb Shape: कुंडली के माध्यम से भविष्य को प्लान करना आसान हो जाता है. विज्ञान रूपी ज्योतिष के सहयोग से जीवन में चल रही दिक्कतों का समाधान ढूंढ सकते हैं. यह सभी चीजें तभी संभव है, जब जन्म की तारीख, तिथि, टाइम आदि का पता हो. किसी कारणवश, जिन्हें इन सभी की जानकारी नहीं है. वह हस्तरेखा या अंगों की आकृति के सहयोग से कुछ हद तक पता लगा सकते हैं, इनमें से एक है अंगूठा. यह इतना महत्वपूर्ण है कि इस पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक हो जाता है. अंगूठे से व्यक्ति के साथ जुड़ी उसकी चारित्रिक विशेषताओं को आसानी से बताया जा सकता है. अंगूठे के तीन मुख्य भाग होते हैं, जो प्रेम, तर्क एवं इच्छाशक्ति जैसी महान शक्तियों के सूचक है. पहला नाखून वाला हिस्सा इच्छाशक्ति का घोतक है. दूसरा तर्कशाक्ति तथा तीसरा जो शुक्र पर्वत क्षेत्र के निकट है, वह प्रेम का सूचक है.
अंगूठे का अध्ययन करते समय अंगूठे का लचकदार या सख्त होना प्रमुख है. यदि अंगूठा लचकदार हो यानी पीछे को मुड़ने पर धनुष की भांति आकार ले. यदि सख्त हो तो पहले भाग को दबाने पर पीछे को नहीं मुड़ता. इन दोनों विशेषताओं का संबंध व्यक्ति के स्वभाव और आचरण से होता है.
लचकदार अंगूठे वाले व्यक्ति फिजूल खर्च करने वाले होते हैं, तथा परिस्थिति के अनुसार अपने आपको सक्षम बनाने वाले होते हैं. समाज, जाति एवं देश के प्रति उनके मन में एक भावुक संवेदना होती है. किसी भी नये वातावरण में वह आसानी से रम जाते हैं.
कठोर जोड़ अंगूठे वाले व्यक्ति अधिक व्यवहारिक होते हैं, उनकी इच्छाशक्ति दृढ़ होती है, जिसके उनका चरित्र अधिक दृढ़ होता है. उनके इसी गुण का उनकी सफलता में मुख्य हाथ होता है. ऐसे व्यक्ति अपना हर काम पूर्ण सावधानी से सोच-विचार करने के बाद ही लेते हैं.
छोटे और मोटे अंगूठे वाले व्यक्ति बोलने में तेज और अधिकतर क्रूर वृत्तियों वाले हो सकते हैं. जबकि लंबे मजबूत एवं सुविकसित अंगूठे वाले व्यक्ति बौद्धिक रूप से सुसंस्कृत होते हैं.
यदि अंगूठा का पहला भाग असाधारण रूप से लंबा हो तो ऐसा व्यक्ति तर्क पर विश्वास नहीं करता है. वह केवल अपनी इच्छाशक्ति पर विश्वास रखते हैं.
यदि अंगूठे का दूसरा भाग पहले भाग की अपेक्षा अधिक लंबा हो तो व्यक्ति में हर काम को तर्कसंगत ढंग से पूरा करना चाहते हैं, परंतु अपनी योजना को कार्यरूप देने के लिए उनमें पर्याप्त इच्छाशक्ति और संकल्प की कमी होती है.
यदि अंगूठे का तीसरा भाग अधिक लंबा हो और शेष अंगूठा छोटा हो तो व्यक्ति अत्यधिक भावना प्रधान प्रवृत्ति का होता है.