Pukhraj Ke Fayde: हर रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित होता है. ऐसे में कुंडली में जब भी कोई ग्रह कमजोर होता है तो उसे रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. हालांकि, रत्न को कभी भी ऐसे ही धारण नहीं करना चाहिए, वरना जीवन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. ऐसे में रत्न धारण करने से पहले ज्योतिष सलाह ले लेनी चाहिए. बृहस्पति को देवगुरु माना जाता है. उनको समृद्धि और वृद्धि का कारक माना जाता है. ऐसे में बृहस्पति को मजबूत करने के लिए पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है.


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ये लोग करें धारण


जिस इंसान की कुंडली में गुरु उच्च का या शुभ स्थान पर हों तो ऐसे लोग पुखराज धारण कर सकते हैं. यानी कि मीन और धनु और लग्न वाले पुखराज धारण कर सकते हैं. दरअसल इन दोनों राशियों के स्वामी बृहस्पति हैं. इसके साथ ही तुला राशि के लोग भी पुखराज धारण कर सकते हैं. वहीं, जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति नीच के हों तो पुखराज नहीं पहनना चाहिए.


धारण करने की विधि


पुखराज साढ़े सात या आठ रत्ती का धारण करना चाहिए और इसे सोने या चांदी की अंगूठी में गुरुवार के दिन पहनना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुखराज को दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करने से काफी फायदा मिलता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)