Sawan pehla somwar puja vidhi shubh muhurat mantra: सावन का पवित्र महीना तो 4 जुलाई से प्रारंभ हो गया है. शिव भक्त अपने आराध्य की पूजा अर्चना में लगे हैं किंतु सावन मास में सोमवार का दिन शिव पूजा के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है. यूं तो शिव अनंत है, शिव सार्वभौमिक व सार्वकालिक हैं यानी वे किसी स्थान या काल से बंधे नहीं हैं, लेकिन ऐसी मान्यता है कि उनको श्रावण मास विशेष रूप से प्रिय है. उसमें भी सोमवार सर्वाधिक प्रिय है.


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सावन के सोमवार का विशेष महत्व


इसलिए श्रावणी सोमवार को शिव की आराधना का विशेष महत्व है. इस बार तो सावन में अधिकमास होने के कारण चार के स्थान पर आठ सोमवार मिल रहे हैं. श्रावण मास में आशुतोष भगवान शिव की उपासना को विशेष महत्व दिया जाता है. भोलेनाथ की उपासना के लिए सोमवार का दिन सर्वाधिक उपयुक्त माना गया है. शिव का अर्थ कल्याण और समृद्धि भी है. वे रुद्र देव भी कहे जाते हैं, लेकिन चंद्रमा की शीतलता को भी अपने शीश पर धारण करते हैं.


शिव आराधना से होगा कल्याण


वे दानवों के लिए रुद्र हैं तो भक्तों के लिए चन्द्रमा के गुणों से युक्त शिव हैं. सोमवार चन्द्रमा का प्रतिनिधित्व करने वाला दिवस है. अतः जीवन मे आई अशांति, तनाव, कष्ट और भय को दूर करने के लिए श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को शिव उपासना का विशेष स्थान है. वैसे तो पूरा श्रावण मास ही भक्ति का मास कहा जाता है. मन में जो भी भावना हो, उसे ईश्वर के सामने प्रस्तुत करने का यह सर्वाधिक उत्तम समय होता है. इस माह में साधना के लिए प्राकृतिक परिस्थितियां भी अनुकूल होती हैं. अतः प्रतिदिन या प्रत्येक सोमवार को घर पर अथवा किसी मंदिर में जा कर शिव जी की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए.  


इन तारीखों को नोट कर लें 


10 जुलाई     पहला सोमवार


17 जुलाई     दूसरा सोमवार


24 जुलाई     तीसरा सोमवार


31 जुलाई     चौथा सोमवार


07 अगस्त    पांचवां सोमवार


14 अगस्त    छठा सोमवार


21 अगस्त    सातवां सोमवार


28 अगस्त   आठवां सोमवार


मुहूर्त
भगवान शिव कालों के काल महाकाल हैं. सभी ग्रह नक्षत्र उनके अधिन काम करते हैं. इसलिए इस पूरे दिन आप निश्चिक होकर व्रत और शिव पूजा कर सकते हैं.


रुद्राभिषेक के नियम
शिवजी का रुद्राभिषेक के लिए शिव मंदिर में जाना ज्यादा उत्तम रहेगा, अगर आप मंदिर नहीं जाते हैं तो आपके लिए अपने घर के मंदिर में ही रुद्राभिषेक करना उत्तम रहेगा. अगर आप सिर्फ जल से रुद्राभिषेक कर रहे हैं तो इसके लिए ख्याल रखें की आप तांबे के बर्तन का ही प्रयोग करें. 


इस मंत्र का जाप करें
ओम नम: शिवाय का जाप करें. रुद्राभिषेक के दौरान रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का जप करने फलदायी साबित होगा. मंदिर में जाकर बेलपत्र अर्पण करें. व्रत में फलाहार करें.