Shani Asta Effect: शनि इंसान को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं, इसलिए उनको न्याय का देवता और कर्मफल दाता कहा जाता है. शनि देव ने 17 जनवरी को कुंभ राशि में गोचर किया था. इसके बाद वह 31 जनवरी को तड़के सुबह 2 बजकर 46 मिनट पर अस्त हो गए थे. वह अब 33 दिनों तक इसी अवस्था में रहेंगे. इसके बाद 5 मार्च को रात 8 बजकर 46 मिनट पर कुंभ राशि में ही उदय होंगे. शनि देव का अस्त होना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे में खासकर जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि दोष चल रहा हो, उनको इस दौरान कोई गलत कार्य नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से शनि देव नाराज हो सकते हैं और उनका दंड भुगतना पड़ सकता है.


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शराब और मांसाहार


शनि अस्त के दौरान तामसिक या मांसाहार भोजन से परहेज करना चाहिए. इस दौरान भूलकर भी ऐसी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे शनि देव नाराज हो सकते हैं और असफलता हाथ लगने लगती है. वहीं, इस दौरान शराब और जुएं से भी दूर रहना चाहिए.


सम्मान


शनि अस्त के दौरान माता-पिता और अपने से बड़े-बुजूर्गों का सम्मान करना चाहिए. इस दौरान भूलकर भी इन लोगों का अपमान न करें. इससे शनि देव नाराज हो सकते हैं. इसके साथ ही अपने सहयोगियों, सफाई कर्मचारियों, बीमार, असहाय, गरीबों के साथ भी आदर के साथ पेश आना चाहिए.


पशु-पक्षी


बेजुबान, पशु-पक्षी को शनि अस्त के दौरान चोट पहुंचाने से बचना चाहिए. जो लोग जाने-अनजाने में इन जीवों को चोट पहुंचाते हैं या पीटते हैं, उन लोगों को शनि देव की कोप दृष्टि का सामना करना पड़ता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)