IMD Weather Update: उत्तर-पश्चिम भारत में वर्ष 1901 के बाद से इस साल का जून माह अब तक का सर्वाधिक गर्म महीना रहा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को यह जानकारी दी.
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IMD Weather Update: उत्तर-पश्चिम भारत में वर्ष 1901 के बाद से इस साल का जून माह अब तक का सर्वाधिक गर्म महीना रहा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को यह जानकारी दी. विभाग ने बताया कि इस मौसम में भारत में कुल 536 दिन ऊष्ण लहर दर्ज की गई, जो 14 वर्षों में सबसे अधिक दिन हैं. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश में जून में 181 दिन ऊष्ण लहर दर्ज की गई, जो 2010 में 177 दिनों के बाद सबसे अधिक है.
गर्मी ने तोड़ा सालों का रिकॉर्ड
उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2024 की गर्मियों में भारत में कुल 536 दिन ऊष्ण लहर दर्ज ही गई, जो 2010 (578 दिन) के बाद सबसे अधिक होंगे. जून में 181 दिन ऊष्ण लहर चली, जो 2010 (177 दिन) से अधिक है.’ मौसम विभाग के अनुसार, जून महीने में औसत तापमान 31.73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. उत्तर-पश्चिम भारत में जून के महीने का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 1.96 डिग्री सेल्सियस अधिक 38.02 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आईएमडी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.35 डिग्री सेल्सियस अधिक 25.44 डिग्री सेल्सियस रहा.
उत्तर-पश्चिम भारत में खूब पड़ी गर्मी
आईएमडी प्रमुख ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में जून में औसत तापमान 31.73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.65 डिग्री सेल्सियस अधिक है और यह वर्ष 1901 के बाद से सबसे अधिक है. महापात्र ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत में जून के महीने में 33 प्रतिशत कम बारिश हुई, जिसका कारण देश के उत्तरी और पूर्वी भागों में मानसून के धीमी गति से आगे बढ़ना रहा.
मौसम शुष्क रहा और लू चली..
उन्होंने बताया, 'जून के अंत में सिर्फ एक कम दबाव वाला क्षेत्र बना. आम तौर पर महीने में तीन कम दबाव वाले क्षेत्र बनते हैं. मौसम परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने के कारण कम दबाव वाले क्षेत्र नहीं बन सके.' अधिकारी ने बताया कि 10 से 19 जून की अवधि के दौरान सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों की अनुपस्थिति के कारण उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में लंबे समय तक मौसम शुष्क रहा और लू चली.
उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में केवल तीन पश्चिमी विक्षोभ (पांच से 10 जून, 19 से 25 जून और 26 से 28 जून) देखे गए, जबकि सामान्य तौर पर चार से पांच पश्चिमी विक्षोभ होते हैं. देश के सभी राज्यों में जितने दिन ऊष्ण लहर चलती है, उन्हें मिलाकर मौसम के ऊष्ण लहर के दिनों की गणना की जाती है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)