Pitru Paksha in 2023: पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो चुकी है और इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा. इस दौरान लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं. ऐसा मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर धरती पर आते हैं. ऐसे में कई ऐसे कार्य हैं, जिनको नहीं करना चाहिए, वरना पितर नाराज हो सकते हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव मानव जीवन पर पड़ सकता है. श्राद्ध पक्ष के दौरान कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका उल्लंघन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.


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ताममिक भोजन


पितृ पक्ष के दौरान चावल, मांसा, लहसुन, प्याज, तामसिक और बाहर का भोजन करने से बचें. इस दौरान बैंगन की सब्जी भी नहीं खानी चाहिए. सात्विक भोजन करें. इसके अलावा श्राद्ध भोजन में मसूर, काली उड़द, चना, काला जीरा, काला नमक, काली सरसों और कोई भी अशुद्ध या बासी खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल न करें.


गंदे कपड़े


जिस इंसान को पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करना है. उसको बाल, दाढ़ी यहां तक के नाखून भी नहीं काटने चाहिए. इस दौरान बिना धुले और गंदे कपड़े पहनने से भी परहेज करना चाहिए. कर्म करते समय चमड़े से बने किसी भी चीज को नहीं पहनना चाहिए. यहां तक के चमड़े के पर्स या बटुए को भी पास में नहीं रखना चाहिए.


व्यसन


श्राद्ध कर्म के दौरान मंत्रों का जाप करते समय किसी के टोकने पर जरा भी न रुके. इसके पूरा करने से के बाद अन्य कार्य करें. पितृ पक्ष के दौरान तंबाकू, सिगरेट, शराब, गुटके का सेवन करने से बचें. इस दौरान किसी भी तरह के व्यसन से फल नहीं मिलता है.


भोजन


श्राद्ध के दिन कर्म करने वाले व्यक्ति को बार-बार भोजन करने से बचना चाहिए. ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता. इससे पितर नाराज होते हैं. पूजा के लिए लोहे के बर्तनों का प्रयोग न करें. इसकी जगह पर सोने, चांदी, तांबे या कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जा सकता है.


खरीदारी


हालांकि, पितृ पक्ष के दौरान किसी भी तरह की नई वस्तु को खरीदने से बचना चाहिए. जरूरत होने पर भी न नए कपड़े खरीदे और न ही पहनें. यहां तक की किसी भी तरह के सेलिब्रेशन को करने से भी बचना चाहिए. चाहे वह किसी की जन्मदिन की क्यों न हो. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)