Surya Dev: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में किसी भी ग्रह के कमजोर होने से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं, ग्रहों को मजबूत करने के लिए कुछ उपायों के बारे में बताया गया है. हर ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को अलग-अलग समस्याएं होती हैं. जैसे अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर या नीच का है, तो उसे एंग्जायटी और घबराहट आदि का सामना करना पड़ता है. 


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अगर आपके साथ भी ऐसा होता है कि आपको बार-बार घबराहट होती है या फिर एंग्जायटी होती है, तो ये कुंडली में सूर्य के प्रभावित होने या नीच के होने का संकेत है. सूर्य आत्मविश्वास से भरा हुआ और एनर्जी से भरा हुआ ग्रह है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जिन लोगों का सूर्य मजबूत होता है उन्हें जीवन में किसी तरह के फैसले लेने में कोई समस्या नहीं होती. ऐसे लोग साहसी होते हैं. लेकिन सूर्य के कमजोर होने पर व्यक्ति में कॉन्फिडेंस की कमी होने लगती है. ज्योतिष में कहा गया है कि इन 3 बीमारियों से जूझ रहे लोगों को नियमित रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. 


इन बीमारी वालों को जरूर देना चाहिए सूर्य अर्घ्य 


एंग्जायटी से गुजर रहे लोगों को 


कुछ लोगों को हर छोटी-छोटी बातों पर एंग्जायटी होने लगती है. ऐसे लोगों को भीड़ में एंग्जायटी अटैक करने लगती है. ऐसे लोगों को नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. इससे उन्हें पॉजिटीव एनर्जी के साथ मानसिक मजबूती मिलती है. इससे एंग्जायटी कम होने लगती है.


डिप्रेशन के मरीज 


डिप्रेशन के मरीज को भी नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा इसलिए कहा जाता है कि सूर्य और उसकी रोशनी व्यक्ति के शरीर में हैप्पी हार्मोन्स बढ़ाने में मदद करते हैं. इतना ही नहीं, ये स्ट्रेस हार्मोन को कंट्रोल करने और डोपामाइन बढ़ाने में मदद करते हैं. इतना ही नहीं, सूर्य देव को जल अर्पित करने से नए और अच्छे विचार आते हैं, जो कि डिप्रेशन के व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी हैं. 


हाई बीपी और दिन के मीरज के लिए


कहते हैं कि स्ट्रेस व्यक्ति के बीपी को बढ़ाता है और व्यक्ति को हाई बीपी की समस्या रहने लगती है. सूर्य व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत करता है. इससे व्यक्ति स्ट्रैस को कंट्रोल कर पाता है. नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति का सूर्य मजबूत होता है और आप दिल की बीमारियों से बचे रहते हैं. 


सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय और नियम 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को अर्घ्य देने का सबसे सही समय सुबह 9 बजे से पहले ही है. वैसे तो सूर्योदय के समय जल अर्पित करना सबसे उत्तम माना गया है. अर्घ्य देते समय तांबे के लौटे में चावल, चंदन और फूल डालकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें. ये मन और सेहत दोनों के लिए लाभदायी है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)