Astro Tips for Marriage: बेटी पढ़ी-लिखी, सुंदर, सुशील और संस्कारित है, फिर भी विवाह में देरी हो रही है, मामला बनते-बनते बिगड़ जाता है. काफी प्रयास के बाद भी सफलता न मिलने से माता-पिता में भी निराशा आ रही है तो अब बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है. वास्तु और ज्योतिष के इन उपायों से चट मंगनी और पट ब्याह वाली स्थिति हो जाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आग्नेय कोण यानी साउथ-ईस्ट शुक्र ग्रह का कारक है और शुक्र ग्रह ही विवाह का कारक है. यदि आग्नेय कोण में अंडरग्राउंड वाटर टैंक, बोरिंग हो या फिर यह कोना बढ़ा हुआ हो तो शुक्र ग्रह दोषी बनकर विवाह में विलंब करता है. वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम चंद्र ग्रह को दर्शाता है, यहां भी अंडरग्राउंड वाटर टैंक, बोरिंग हो या फिर यह कोना बढ़ा हुआ हो तो मन और दिमागी परेशानी का कारक चंद्रमा गड़बड़ हो जाएगा और विवाह में अड़चन पैदा करता है.


वास्तु के उपाय


विवाह योग्य कन्या का कमरा हमेशा घर के वायव्य कोण में रहे तो बेहतर होता है. इस कोण में वायु देव का आधिपत्य है. वायु कभी स्थिर नहीं रहती है, अतः इस दिशा में कमरे का मतलब है, घर से बेटी का विदा होना. कन्या के कमरे में पूरी रोशनी और ताजी हवा आनी चाहिए. इस दिशा के कमरे में अंधेरा रहने से स्थितियां विपरीत हो सकती हैं.


कमरे में सारस या हंस के जोड़े का चित्र लगाएं और कमरे के बाहर मेंहदी का पौधा अवश्य लगाएं. कन्या गुलाबी या सफेद रंग की साफ चादर पर सोए और बेडरूम में टीवी या लैपटॉप न रखें. जूते-चप्पल बाहर उतारकर ही कमरे में जाएं.


ज्योतिष उपाय


शिव पार्वती का स्वयंवर वाला चित्र लाकर, किसी सिद्ध मुहूर्त में पूजन स्थल पर स्थापित करें. कन्या लाल रंग के आसन पर बैठकर शुद्ध मन से पूजा करते हुए अच्छे वर की शीघ्र कामना करे. गाय के गोबर से गौरी बनाकर उस पर असली पीला सिंदूर चढ़ाएं. शुद्ध देसी घी का दीपक जलाकर 'ओम गौरी पति महादेवाय मम इच्छित वर शीघ्रातिशीग्र प्राप्यर्थ गौर्ये नमः' मंत्र की एक माला का नित्य जाप करें. कन्या 16 सोमवार का व्रत कर मंदिर में शिवजी का जलाभिषेक कर मां पार्वती का श्रृंगार करें और शिव पार्वती के मध्य गठजोड़ बांधकर शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें.


अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें