Nakshatra: तीक्ष्ण बुद्धि और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी होते हैं ये लोग, हर काम को आसानी से करते हैं पूरा
Uttarashada Nakshatra Compatibility: दस विश्वदेवों को उत्तराषाढ़ा का अधिपति देवता माना गया है. इनके नाम हैं, शुभता, सत्य, इच्छाशक्ति, दक्षता, काल, आकांक्षा, संकल्प, पितर, आभा व शिखर. ये सभी देवता दैवीय गुणों के परिचायक और कल्याणकारी हैं.
Uttarashada Nakshatra Career: 21वां नक्षत्र उत्तराषाढ़ा है, जिसका अर्थ है, उत्तरार्ध का अपराजेय, सदा विजय पाने वाला यानी लास्ट मूवमेंट में विजय दिलाने वाला. कुछ विद्वानों ने यह भी कहा है की उत्तराषाढ़ा नक्षत्र ही वह क्षेत्र है, जहां पर देवताओं ने असुरों पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र को जोड़ी मानना चाहिए, क्योंकि एक शुरुआती विजय है और दूसरी अंत की विजय. पूर्वाषाढ़ा की भांति गज दंत को ही उत्तराषाढ़ा का मूल चिह्न माना गया है. पूर्वाषाढ़ा हाथी का बाया दांत है तो उत्तराषाढ़ा नक्षत्र उसका दाहिना दांत माना जाता है.
दस विश्वदेवों को उत्तराषाढ़ा का अधिपति देवता माना गया है. इनके नाम हैं, शुभता, सत्य, इच्छाशक्ति, दक्षता, काल, आकांक्षा, संकल्प, पितर, आभा व शिखर. ये सभी देवता दैवीय गुणों के परिचायक और कल्याणकारी हैं. इस संसार में जो भी शुभ और पुण्यदायी है, ये सब विश्वदेव उसका संरक्षण करते हैं. यह नक्षत्र धनु और मकर राशि को जोड़ने वाला नक्षत्र होता है, इसलिए जिन लोगों की धनु या मकर राशि होगी. उनका उत्तराषाढ़ा नक्षत्र हो सकता है.
प्रभावशाली व्यक्तित्व
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति तीक्ष्ण बुद्धि और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी होते हैं. यह कठिन कार्य को भी अपने मस्तिष्क से सरल करने की क्षमता रखते हैं. इनके अंदर अछूते क्षेत्रों पर शोध करने की अद्भुत क्षमता होती है. यह लोग समाज के लिए कुछ नया करने का जज्बा रखते हैं. ये टीमवर्क में बहुत अच्छा कार्य करते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं. इन लोगों की इच्छाशक्ति बहुत प्रबल होती है और कोई निर्णय करने के बाद उसको बदलते नहीं हैं. हां, जब तक कि कोई बहुत वरिष्ठ व्यक्ति या वह जिसको यह बहुत मानते हैं, उनका हस्तक्षेप न हो.
इनके अंदर स्थायित्व भाव होता है और यह किसी काम को ठहरकर यानी धैर्य से करते हैं. यह किसी भी बात को लेकर बहुत सूक्ष्म चिंतन करते हैं और बात के उद्देश्य तक पहुंच जाते हैं, इसलिए इनको अनर्गल बातों में फंसाकर इनसे कोई अपना उल्लू सीधा नहीं करवा सकता है.
ये लोग आत्मचिंतन द्वारा दैवीय गुणों का विकास करने की क्षमता रखते हैं. इनके अंदर ईश्वर के प्रति आस्था और श्रद्धा होती है. यह लोग अपने पूर्वजों के अधूरे कामों को आगे बढ़ाने में बहुत दिलचस्पी लेते हैं. इसके अलावा इनके अंदर अपने पूर्वजों के गुण भी विद्यमान रहते हैं. ये लोग कुल परंपरा और मर्यादा का मान रखने वाले होते हैं. ये लोग अपनी कमियों को अनदेखा नहीं करते हैं और जो भी कमियां होती हैं, उनके निवारण के लिए अपने में सुधार करते हैं. यह लोग बहुत आत्मचिंतन करने वाले व्यक्ति होते हैं, इसलिए यह समय-समय पर एक साक्षी भाव से अपना अवलोकन करते रहते हैं. इस नक्षत्र के लोग समाज के वृद्धजनों के प्रति बहुत श्रद्धा भाव रखते हैं. यह कभी भी अपने बड़े-बुजुर्गों का अपमान नहीं करते हैं. उनकी मदद करते हुए, उन्हें समय देते हैं और उनके ज्ञान के अनुभव का पूरा लाभ प्राप्त करते हैं.