Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के विभिन्न कोनों और स्थानों पर चीजें रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में समृद्धि आती है. वास्तु पिरामिड भी इसी प्रकार की वास्तु विज्ञानिक उपकरण में से एक है. यह माना जाता है कि जब वास्तु पिरामिड को घर में सही स्थान पर रखा जाता है, तो यह घर में वास्तु दोषों को दूर करने में सहायक होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है.


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सकारात्मक ऊर्जा के लिए यहां रखें पिरामिड
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि पिरामिड को घर के ईशान कोण मतलब जो पूर्व और उत्तर की दिशा में कोना होता है, में रखना सबसे शुभ माना जाता है. क्योंकि यह कोना ऊर्जा का संचार केंद्र माना जाता है. इसी कोना में घर का मंदिर भी होना चाहिए, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो. इस कोने में पिरामिड रखने से पॉजिटिव एनर्जी आती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होता है.


अन्य शुभ कार्य के लिए यहां रखें पिरामिड
अच्छी नींद के लिए और सेहत के लिए वास्तु पिरामिड को घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में रखने की सलाह दी जाती है. बच्चों के पढ़ाई में मन लगाने के लिए उसको उनके स्टडी रूम की उत्तर दिशा में रखना चाहिए. व्यापार में वृद्धि के लिए इसे दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना चाहिए. लंबे समय से बिमार व्यक्ति के बेड के बगल में रखने से उनके सेहत में जल्द हीं सुधार होता है. वास्तु पिरामिड को घर में किसी ऐसे स्थान पर नहीं रखना चाहिए जहां हमेशा अंधेरा बना रहता है, जैसे किचन या बाथरूम के पास. इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां घर के सदस्य ज्यादा समय बिताते है. यह हमेशा स्वच्छ स्थान पर रखना चाहिए. वास्तु पिरामिड विभिन्न धातु से बनता है, इसलिए पिरामिड खरीदते समय यह ध्यान रखें कि एल्युमीनियम, लोहे या प्लास्टिक से बना हुआ ना हो. क्योंकि ऐसे पिरामिड सुख- समृद्धि और धन की वृद्धि में बाधा डालते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)