Pitradosh Upay: पितरों का हिंदू धर्म में बहुत महत्व हैं. मान्यता है कि जब किसी की मौत होती है तो वह पितृदेव के रूप में अपने वंशजों की रक्षा करते हैं. पितरों को खुश करने के लिए 15 दिनों तक उनका श्राद्ध किया जाता है. जिससे वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को सुख-शांति, समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस दौरान अगर पितर नाराज हो जाते हैं तो व्यक्ति को पितृदोष के साथ-साथ कई परेशनियों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के साथ वास्तु शास्त्र में भी पितरों से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं. इनका पालन करने से व्यक्ति को पितृदोष के साथ कई परेशानियों से छुटकारा मिलता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पितर दोष से मुक्ति के लिए रखें इन बातों का ध्यान


- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पूर्वजों की तस्वीर लगाने के कुछ नियम बताए गए हैं. कहते हैं कि पितरों की तस्वीर सही दिशा में होना बहुत जरूरी होता है. इसलिए ध्यान रखें कि पितरों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में लगाएं. यह दिशा यम और पितरों की मानी जाती है.


- वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर कभी भी मंदिर, बेडरूम, ड्रॉइंग रूम, या किचन में नहीं लगानी चाहिए. कहते हैं इससे पितृ नाराज हो जाते हैं और घर से सुख-समृद्धि कली जाती है.


- वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर ऐसा जगह भी नहीं लगानी चाहिए जहां आते जाते आपकी नजर उस पर पड़े. इससे घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं और अशांति आती है.  


- वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा पितरों की मानी जाती हा. इसलिए इस दिशआ में रोजाना दीपक जलाना चाहिए. इस दिशा में दीपक जलाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही पितरों के आशीर्वाद से धन-धान्य की कमी नहीं होती.


- वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने के लिए घर के मेन गेट को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए. वहीं रोजाना मेन गेट पर जल देना चाहिए. इससे पितर प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देंगे और आपका जीवन खुशहाल होगा.


Maa Lakshmi: ऐसे घरों में वास नहीं करती मां लक्ष्मी, जीवन में हमेशा बनी रहती है पैसों की किल्लत


Budh Gochar 2023: आज से इन राशि वालों की लाइफ में आ सकता है तूफान, हर कदम बरतनी होगी विशेष सावधानी!
 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)