How to Check Vastu for Home Entrance: रोटी, कपड़ा और मकान, ये इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं. रोटी और कपड़े का जुगाड़ तो लोग आसानी से कर लेते हैं, लेकिन मकान खरीदने या बनाने के लिए काफी मेहतन करनी पड़ती है. जिंदगी की पाई-पाई लगाकर इंसान अपने लिए आशियाना तैयार करता है. हालांकि, कई दफा मकान बनाने के बाद इंसान के सुख-समृद्धि और उन्नति में ब्रेक लग जाते हैं. इसकी वजह वास्तु दोष हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि मकान बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन किया जाए.   


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किसी भी घर में दरवाजे का बेहद अहम रोल है. यहीं से लोग घर में प्रवेश करते हैं, जिसका उन पर व्यापक असर पड़ता है. हालांकि, मकान तैयार करते समय मुख्य दरवाजे की दिशा का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. गलत दिशा में दरवाजा होने से निगेटिविटी एनर्जी का घर में वास होने लगता है. 


पूर्व दिशा


वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के दरवाजे की दिशा से घर में शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है. घर के मुख्य दरवाजे की दिशा पूर्व में हो तो यह बहुत ही शुभ समझा जाता है. हालांकि, अगर आपकी कुंडली में मंगल गड़बड़ हो तो इस  दिशा के दरवाजे के कारण कर्जों का बोझ बढ़ने लगता है.


पश्चिम दिशा


घर का मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा में हो तो यह तंगहाली दूर करता है. आय के नए स्रोत खुलते हैं. हालांकि, अगर कुंडली में बुध ठीक ना हो तो इसके चलते घर में पैसा नहीं टिकता है. घर का सारी बरकत खत्म हो जाती है.


दक्षिण दिशा 


घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा में हो तो इंसान को जिंदगी में काफी संघर्ष करना पड़ता है. हां, लेकिन अगर कुंडली में शनि-मंगल की स्थिति ठीक हो तो इस दिशा के दरवाजे से संपन्नता आने लगती है.


ईशान दिशा


ईशान दिशा में बना घर का मुख्य दरवाजा शुभ फल देता है. हालांकि, अगर किसी इंसान की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति ठीक न हो तो इससे गंभीर बीमारियां घर में प्रवेश करती हैं.


वायव्य दिशा


घर का मुख्य दरवाजा वायव्य दिशा में हो तो शुभ परिणाम मिलता है, लेकिन कुंडली का शनि के गड़बड़ होने पर मित्र भी शत्रु बन जाते हैं. पड़ोसियों से विवाद होने लगता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)