Lord Vishnu: बहुत चमत्कारिक है ये व्रत, भगवान विष्णु दिलाते हैं दुख-दरिद्रता से छुटकारा
Vijaya Ekadashi: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाए जाने से इस पर्व को विजया एकादशी कहते हैं. इसी दिन भगवान श्री राम ने लंका युद्ध के पूर्व ऋषियों की सलाह पर इस व्रत को किया था.
Vijaya Ekadashi 2023: संसार में कोई भी व्यक्ति कभी हार की कामना नहीं करता है, वह तो हर काम में यही कल्पना करता है कि जीत उसी की होगी. हर कोई जीवन में विजय की कामना करता है और यह स्वाभाविक भी है. रावण द्वारा सीता माता के हरण के बाद इस बात की जानकारी प्रभु श्री राम को हो गई तो उन्होंने भी वानरों, भालू आदि की सेना के साथ लंका पर चढ़ाई की. समुद्र पर पुल का निर्माण और लंका में पूरी सेना पहुंचने के बाद युद्ध शुरू होने के पहले श्री राम ने भी विजय की कामना की थी. युद्ध के पूर्व भगवान विष्णु की आराधना करने से ही वह रावण और लंका पर विजय प्राप्त कर सके.
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाए जाने से इस पर्व को विजया एकादशी कहते हैं. इसी दिन भगवान श्री राम ने लंका युद्ध के पूर्व ऋषियों की सलाह पर इस व्रत को किया था. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने वाले को कभी दुख दारिद्रय नहीं रहता है और विजय की प्राप्ति होती है. यह त्योहार आज मनाया जा रहा है.
पूजन विधि
एक मिट्टी के कलश को जल से भर कर स्थापित करें. उसके पास पीपल, आम, बड़ तथा गूलर के पत्ते रखें, फिर एक बर्तन में जौ भरकर उसे कलश पर स्थापित करें. जौ के बर्तन या पात्र में श्री लक्ष्मी नारायण की स्थापना करें और फिर उनका विधि पूर्वक पूजन करें. दिन भर उपवास रख कर विष्णु जी का ध्यान करते रहें. रात्रि में भी उनका भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें और प्रात: काल जल को विसर्जित करने के साथ ब्राह्मणों को दान दक्षिणा और भोजन कराने के बाद ही स्वयं भी भोजन ग्रहण करें.