When is Dussehra: दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर जीत हासिल की थी, इसलिए विजय के प्रतीक के तौर पर यह त्योहार मनाया जाता है और इसे विजयादशमी के नाम से भी लोग जानते हैं. यह पर्व अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर देखा जाता है. इस दिन लोग पाप, अधर्म, असत्य के प्रतीक के तौर पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करते हैं. ज्योतिष शास्त्र में इस दिन किए जाने वाले कुछ खास टोटकों या उपायों के बारे में बताया गया है. इनको करने से मनचाही फल की प्राप्ति होती है और ताबड़तोड़ सफलता मिलने लगती है.   


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पताका 


दशहरे के दिन छात्र लाल रंग की पताका घर पर बनाएं या बाजार से बनी बनाई लाकर किसी हनुमान मंदिर में स्वयं लगा दें या फिर वहां के पुजारी जी को लगाने के लिए सौंप दें, समझ लीजिए आप अपने करियर के झंडे गाड़ देंगे और बाधाएं दूर होकर सफलता मिलती चली जाएगी. यह उपाय नवमी या दशमी किसी भी दिन कर सकते हैं.


नीलकंठ


दशहरे के दिन सुबह उठते ही नीलकंठ पक्षी और मछली के दर्शन करने चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में तो नीलकंठ के दर्शन आसानी से हो जाते हैं, किंतु शहरों में यह कम संभव है. अब कुछ लोग नीलकंठ को लेकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को दर्शन कराते हैं. यदि प्रत्यक्ष दर्शन नहीं संभव है तो मोबाइल पर नीलकंठ की फोटो पहले से निकाल लें और फिर दशहरे वाले दिन अपने मित्रों और रिश्तेदारों को नीलकंठ की फोटो के साथ शुभ दशहरा या गुड मॉर्निंग भेजें. इसी तरह मछली के दर्शन का बड़ा महत्व है. अभी भी कई शहरों और गांवों में लोग घर के बाहर आकर कुंडी खटखटाते हैं कि बाहर आकर शकुन देख लें, शकुन दर्शन के बदले उन्हें दक्षिणा दी जाती है.


चंद्रमा


मन बहुत उदास रहता है, डिप्रेसिव टेंडेंसी है, हताशा है और किसी तरह का अज्ञात भय है तो दशहरा से लेकर शरद पूर्णिमा तक रोज रात में चंद्र दर्शन करें और उसकी ज्योत्सना लें. चंद्रमा की रोशनी में पांच- दस मिनट बैठिए और उनसे मन ही मन अपने मन की बात कहिए. चंद्र देव की कृपा से सारी परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी.


शमी 


दशहरे के दिन शमी वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से सदैव विजय की प्राप्ति होती है और कभी भी पराजय नहीं मिलती है. यदि जमीन, जायदाद, दुकान, नौकरी से संबंधित मुकदमा चल रहा है तो निश्चित मानिए, उसमें आपकी जीत ही होगी.


गुड़-चना


इस दिन श्री हनुमान जी महाराज को गुड़ और चने का भोग लगाएं. वैसे तो हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाया जाता है, किंतु विजय कामना करनी है तो गुड़ और चने का ही भोग लगाएं. हनुमान जी आपको विजय दिलाएंगे. विजयादशमी के दिन कुछ द्रव्य दान भी करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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