Vishdhar Kaal Sarp Dosh remedies: विषधर कालसर्प योग तब बनता है, जब किसी की कुंडली में राहु 11वें भाव में तथा केतु पांचवें भाव में हो. इसके साथ ही अन्य सभी ग्रह एक ही तरफ इन दोनों के घरों के बीच में हों. विषधर कालसर्प दोष के प्रभाव से किसी भी व्यक्ति को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. उसे कई अन्य तरह की बाधाओं का सामना भी करना पड़ता है, किंतु इन लोगों में धैर्य और अपने टारगेट के लिए प्रतिबद्धता इतनी जबरदस्त होती है कि बाधाएं भी उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक पाती हैं. यहां तक कि यह अपना करियर देश की बजाय विदेश जाकर बनाते हैं और प्रोफेशनल लाइफ में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, क्योंकि इनको जन्मस्थान से दूर रहने को बाध्य होना पड़ता है.  


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इस दोष के परिणामस्वरूप व्यक्ति को नेत्र रोग, हृदय रोग, अनिद्रा आदि के अलावा किसी लंबी बीमारी की आशंका भी बनी रहती है. इनकी याददाश्त भी कम ही रहती है. परिवार में इन्हें अपने बाबा दादी से तो लाभ मिलता है, किंतु पैतृक संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ सकता है. बड़े भाई-बहनों से अनबन बनी रहती है. कभी-कभी इनसे ऐसे कार्य हो जाते हैं, जिनसे मान-सम्मान को भी नुकसान पहुंचता है. 


उपाय


- अपने घर पर शिवजी की प्रतिमा या चित्र रखकर नित्य उनकी आराधना करनी चाहिए. शिवजी ने समुद्र मंथन में निकले विष को पीकर अपने गले में तो रोका ही, नाग को अपने गले का कंठहार भी बनाया. 


- सावन मास में तो शिव पूजा अवश्य ही करनी चाहिए. इस समय श्री विष्णु जी के शयन करने पर शिव जी ही सृष्टि की व्यवस्था देखते हैं. 


- सावन में किसी एक दिन रुद्राभिषेक भी करा सकते हैं. 


- पक्षियों को जौ और बाजरे का दाना डालना चाहिए.


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