Vishwakarma Jayanti 2023: हिंदू धर्म में कई विशेष त्योहार हैं, उनमें से एक महत्वपूर्ण अवसर विश्वकर्मा जयंती भी है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा दुनिया के पहले इंजीनियर माने जाते हैं, उनके जन्म के उपलक्ष पर विश्वकर्मा जयंती मनाया जाता है. इस दिन की महत्वपूर्णता उन वस्त्रालयों, औजारों और संरचनाओं को मान्यता देने में है, जिसके माध्यम से हमारा जीवन सुचारू रूप से चलता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

50 साल बाद बीएन रहा है अनूठा योग 
17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विशेष संयोग का निर्माण हो रहा है, जो पिछले 50 साल में अदृश्य हो रहा था. इस विशेष दिन पर कई शुभ मुहूर्त भी हैं, जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग, द्विपुष्कर योग और ब्रह्म योग शामिल हैं. इसे माना जाता है कि इन शुभ योगों में पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 


शुभ मुहूर्त
आज, रविवार को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाएगी. आज कन्या संक्राति भी है, इससे विश्वकर्मा जयंती का महत्व और बढ जाता है. भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सुबह 7 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक और दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक शुभ मुहूर्त हैं. 


पूजन विधि
विश्वकर्मा जयंती के इस खास अवसर पर विशेष मुहूर्त में पूजा करते हैं. आज के दिन घर के सभी उपकरणों जैसे कार, बाइक, मशीन और अन्य चीजों की सफाई कर उस पर गंगाजल छिड़कते हैं. पूजास्थल की सफाई कर वहां भी गंगाजल छिड़कने के बाद पूजा के लिए चौकी रख उस पर पिला वस्त्र रखें. भगवान विश्वकर्मा को चौकी पर विराजमान कर हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल और कलश से पूजा करें. पूजा के दौरान विविध पदार्थों का दान करना भी सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि की वृद्धि हो. आज के दिन जरूरतमंद की सेवा करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है. पूजा के समय ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम मंत्रों का जाप भी फलदायक बताया गया है. अगर किसी का उद्योग अथवा व्यवसाय है, तो विश्वकर्मा जयंती पर अपने कार्य स्थल पर मशीनों की पूजा करते समय 'ओम शक्तपे नमः' मंत्र का जाप करने से उसके व्यापार में वृद्धि और जीवन में विकास होता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)