Old Petrol and Diesel Car in Delhi: अगर आप दिल्ली में कई सालों से गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है. दिल्ली में पुराने वाहनों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. परिवहन विभाग एक समय सीमा से पुराने और प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रजिस्ट्रेशन रद्द कर रहा है. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर तक यहां 50 लाख से ज्यादा वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और इनमें से ज्यादातर पेट्रोल और डीजल इंजन वाली गाड़ियां है. बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुरानी डीजल कारें और 15 साल से पुरानी पेट्रोल कारों को इस्तेमाल की अनुमति नहीं है. 


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परिवहन विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल 2018 से 17 अक्टूबर के बीच राजधानी शहर में लगभग 53.38 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया है. डेटा के मुताबिक, इनमें से 46 लाख से ज्यादा वाहन इंजन वाले थे, लेकिन 15 साल से ज्यादा पुराने पाए गए. जबकि इनमें डीजल वाहनों को संख्या 4.15 लाख थी, जो 10 साल से ज्यादा पुराने थे.


रजिस्ट्रेशन रद्द (de-registered) होने का सीधा मतलब है कि अब उन्हें इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. यह संभावित रूप से शहर की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने और नई खरीद को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. इसके अलावा पुराने वाहनों की संख्या कम होने से प्रदूषण नियंत्रण करने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल से पुराने सभी पेट्रोल वाहनों और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली में बैन कर दिया था. 


अगर आपकी गाड़ी भी पुरानी तो क्या करें?
अगर आपकी गाड़ी भी इस समय सीमा से पुरानी है तो आपके पास बेहद सीमित विकल्प रह जाते हैं. इन गाड़ियों का इस्तेमाल जारी रखने के लिए आपको किसी अधिकृत केंद्र से फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा. लेकिन यह प्रक्रिया महंगी हो सकती है. आप व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी का भी लाभ उठा सकते हैं. इसके तहत आप अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करा सकते हैं और नई गाड़ी खरीदने पर आपको छूट मिलेगी. 


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