Car Headlight Tips and Tricks: कार की हेडलाइट में लो-बीम और हाई-बीम इसलिए दी जाती हैं ताकि ड्राइवर अलग-अलग परिस्थितियों में सही तरीके से सड़कों पर देख सके और ड्राइविंग को सुरक्षित बना सके. आइए समझते हैं दोनों बीम का सही उपयोग:


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1. लो-बीम (Low Beam):


परिस्थिति: जब सामने से वाहन आ रहे हों या शहरों और अच्छी तरह से रोशनी वाली सड़कों पर गाड़ी चला रहे हों.


उद्देश्य: यह अन्य ड्राइवरों की आँखों पर सीधे रोशनी पड़ने से रोकती है, जिससे वह ब्लाइंड नहीं होते और दुर्घटना का खतरा कम होता है.


रेंज: इसकी रोशनी कम दूरी तक होती है और यह ज़्यादा फैली होती है ताकि नज़दीकी चीज़ें साफ दिखाई दें.


2. हाई-बीम (High Beam):


परिस्थिति: जब सामने कोई वाहन न हो और आप कम रोशनी वाली या अंधेरी सड़कों पर यात्रा कर रहे हों, जैसे हाईवे या ग्रामीण क्षेत्र में.


उद्देश्य: हाई-बीम में रोशनी अधिक दूरी तक जाती है, जिससे आप आगे की सड़क को बेहतर तरीके से देख सकते हैं.


रेंज: इसकी रोशनी लंबी दूरी तक जाती है लेकिन यह सीधी और तेज होती है, जो सामने वाले ड्राइवर को चकाचौंध कर सकती है, इसलिए इसका सही उपयोग जरूरी है.


सामान्य गलतियाँ:


बहुत से लोग हाई-बीम का उपयोग तब भी करते हैं जब सामने से वाहन आ रहे होते हैं, जिससे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है.


कुछ लोग लो-बीम का उपयोग अंधेरी सड़कों पर भी करते हैं, जिससे वह समय रहते रुकावटें नहीं देख पाते और दुर्घटना का जोखिम बढ़ता है.


इसलिए, लो-बीम और हाई-बीम का सही तरीके से इस्तेमाल करना ड्राइविंग के दौरान सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है.