Electric Scooter Vs Petrol Scooter Pros & Cons: इन दिनों लोगों के मन में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बहुत ज्यादा कंफ्यूजन है कि आखिर उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने चाहिए या फिर नहीं खरीदने चाहिए. ऐसे में अगर आप दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन- इलेक्ट्रिक स्कूटर या फिर पेट्रोल स्कूटर के बीच में कंफ्यूज हैं कि आखिर इन दोनों में से आपके लिए कौन सा स्कूटर ज्यादा बेहतर रहने वाला है, तो आज हम आपको इन दोनों के ही फायदे और नुकसान बताने वाले हैं. सबसे पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर के फायदे और नुकसान के बारे में बात करते हैं.


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इलेक्ट्रिक स्कूटर के फायदे और नुकसान


इलेक्ट्रिक स्कूटर के फायदे हैं कि आपको पेट्रोल पर निर्भर होने की जरूरत नहीं है. इन दिनों वैसे भी पेट्रोल के दाम काफी बढ़े हुए हैं, ऐसे में इलेक्ट्रिक स्कूटर आपके पेट्रोल पर खर्च होने वाले पैसे को बचा सकता है. इलेक्ट्रिक स्कूटर को चलाने का खर्च पेट्रोल वाले स्कूटर के मुकाबले काफी कम होता है. इलेक्ट्रिक स्कूटर प्रदूषण नहीं करते हैं. मौजूदा समय में कई राज्य सरकारें और केंद्र सरकार भी, इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर लाभ ऑफर कर रही है, आप उनका भी फायदा उठा सकते हैं.


इलेक्ट्रिक स्कूटर के नुकसान की बात करें तो इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ सबसे बड़ी समस्या उसकी रेंज को लेकर सामने आएगी. इसे आप रेंज एंजाइटी कह सकते हैं. इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करने के लिए आपको अपने घर में एक ऐसी जगह की जरूरत होगी, जहां आप इलेक्ट्रिक स्कूटर को खड़ा करके चार्ज कर सकते हैं. अगर आपके घर में यह जगह नहीं है तो आप परेशान हो सकता है. फिलहाल, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. जहां बिजली अच्छी नहीं आती होगी, वह इन्हें इस्तेमाल करना बहुत मुश्किल है.


पेट्रोल स्कूटर के फायदे और नुकसान


पेट्रोल स्कूटर के फायदे या नुकसान करीब-करीब सभी लोग जानते होंगे क्योंकि बहुत लंबे समय से यह स्कूटर बाजार में मौजूद हैं और लोग इन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं. पेट्रोल वाले स्कूटर के साथ रेंज एंजाइटी नहीं होती है. तमाम पेट्रोल पंप मिल जाते हैं, आप कहीं से भी स्कूटर टैंक रीफिल करा सकते हैं और स्कूटर को इस्तेमाल कर सकते हैं. 


इन्हें आप वहां भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जहां बिजली कम आती है क्योंकि देश में पेट्रोल पंप का अच्छा नेटवर्क है और आपको इनके लिए पेट्रोल की ही जरूरत होती है. वहीं, अगर इनके नुकसान के बारे में बताएं तो वह है कि इन्हें इस्तेमाल करना इलेक्ट्रिक वाहनों के मुकाबले महंगा है, इनकी सर्विसिंग भी महंगी होती और यह प्रदूषण भी करते हैं.


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