GPS-Based Toll-Tax Collection- Nitin Gadkari: अगले साल यानी 2024 के मार्च महीने तक राजमार्गों पर बड़ा बदलाव होने वाला है. दरअसल, सरकार जीपीएस-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम लाने वाली है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने खुद इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि राजमार्ग टोल प्लाजा (Highway Toll Plaza) की मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए सरकार अगले साल मार्च तक जीपीएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली (GPS-Based Toll-Tax Collection System) सहित नई प्रौद्योगिकियां पेश करेगी.


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गडकरी ने कहा, ‘‘सरकार देश में टोल प्लाजा व्यवस्था को बदलने के लिए जीपीएस-आधारित टोल सिस्टम सहित नई प्रौद्योगिकियां लाने पर विचार कर रही है. हम अगले साल मार्च तक देशभर में नए जीपीएस-आधारित टोल संग्रह शुरू कर देंगे.’’ गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों को रोके बिना स्वचालित टोल संग्रह को सक्षम बनाने के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की दो प्रायोगिक परियोजनाएं भी चलाई है. 


साल 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों को औसतन आठ मिनट का इंतजार करना पड़ता था. साल 2020-21 और साल 2021-22 में फास्टैग व्यवस्था लागू होने से यह समय घटकर महज 47 सेकंड हो चुका है. कुछ जगहों पर खासकर शहरों के पास घनी आबादी वाले कस्बों में टोल प्लाजा पर वेटिंग समय में काफी सुधार हुआ है, फिर भी ज्यादा भीड़ के वक्त यह समय बढ़ जाता है.


इस बीच, गडकरी ने कहा कि सरकार आम चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले 1,000 किलोमीटर से कम लंबाई की राजमार्ग परियोजनाओं के लिए ‘बनाओ-चलाओ और सौंप दो’ (बीओटी) मॉडल पर 1.5-2 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं की बोली मंगाएगी. आम चुनाव अप्रैल-मई 2024 में होने की संभावना है.


(इनपुट- भाषा)