How Does Paddle Shifter Works: ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में गियर ऑटोमेटिक तरीके से शिफ्ट होते हैं यानी बदलते हैं. जैसे ही कार को लगता है कि गियर बढ़ाना चाहिए वह बढ़ा देती है और जैसे ही कार को लगता है कि गियर घटा देना चाहिए तो वह उसे घटा देती है. इसमें ड्राइवर को खुद से कुछ नहीं करना होता है. वह सिर्फ अपनी ड्राइविंग पर ध्यान देता है. वहीं, मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में ड्राइवर को खुद यानी मैनुअल तरीके से गियर बदलने होते हैं. ड्राइवर को प्वाइंट से यही फर्क होता है. 


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हालांकि, कुछ ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में मैनुअल मोड पर चलाने की तकनीक भी दी जाती है ताकि ड्राइवर ज्यादा एक्टिव ड्राइविंग एक्सपीरिएंस ले पाएं. इसमें ड्राइवर खुद से गियर शिफ्ट करते हैं यानी बदलते हैं. ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में मैनुअल ट्रांसमिशन कराने के लिए स्टीयरिंग व्हील पर स्विच दिए होते हैं, इन्हें ही "पैडल शिफ्टर्स" कहते हैं. पैडल शिफ्टर्स की मदद से आप स्टीयरिंग व्हील से ही गियर शिफ्ट कर पाते हैं.


स्टीयरिंग व्हील पर मिलते हैं पैडल शिफ्टर्स


पैडल शिफ्टर से ड्राइव करते समय ट्रांसमिशन को अपशिफ्ट या डाउनशिफ्ट किया जा सकता है. पैडल शिफ्टर्स का इस्तेमाल काफी आसान है. राइट साइड में दिए गए पैडल शिफ्टर पर "+" का निशान होता है, जिससे गियर बढ़ाए जाते हैं और लेफ्ट साइड वाले पैडल शिफ्टर पर "-" निशान होता है, जिससे गियर कम किए जाते हैं. हालांकि, पैडल शिफ्टर का इस्तेमाल करने के लिए आपको पहले कार को मैनुअल मोड में लना होता है.


अगर ड्राइवर पैडल शिफ्टर्स का इस्तेमाल करता है तो वह स्थिति के अनुसार खुद अपनी समझ से गियर छोटा या बड़ा कर सकता है, फिर कार अपनी मर्जी से गियर को शिफ्ट नहीं करती है. इसे आसान भाषा में ऐसा मान लीजिए कि आप पैडल शिफ्टर्स की मदद से अपनी ऑटोमेटिक कार को मैनुअल कार की तरह चला पाते हैं. हालांकि, पैडल शिफ्टर्स होने से कार की कीमत में छोड़ा इजाफा हो जाता है.


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