Petrol Pump Fraud: पेट्रोल पंप पर ठगी के कई मामले सामने आते रहते हैं. कई बार लोगों को इस बात की भनक लग जाती है कि उनके साथ पेट्रोल पंप कर्मी ठगी कर रहा है और कई बार इस बात की जानकारी ही नहीं हो पाती है. ऐसे में जो ग्राहक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल लेने के लिए जाते हैं, वह ज्यादा पैसे चुका कर कम मात्रा में पेट्रोल या डीजल लेकर लौटते हैं. इस तरह की ठगी को अंजाम देने के लिए पेट्रोल पंप कर्मी कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं. 


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इनमें सबसे ज्यादा आम तरीका यह होता है कि पेट्रोल पंप कर्मी ग्राहक को बातों में लगा लेते हैं. इसके बाद पेट्रोल भरने वाली मशीन के मीटर को जीरो किए बिना ही वाहन में पेट्रोल भरने लगते हैं. ऐसे में होता यह है कि मशीन में ज्यादा पैसे दिखते हैं जबकि वाहन में जो पेट्रोल या डीजल भरा गया होता है, उसकीcsx मात्रा कम होती है. फिर जब पैसे चुकाने की बात आती है तो ग्राहक वही पैसे देता है, जो मशीन उस समय दिखा रही होती है.


इसे उदाहरण के साथ समझाते हैं. मान लीजिए आप किसी पेट्रोल पंप पर गए और आपने अपनी बाइक में 100 रुपये का पेट्रोल भरने के लिए कहा. अब सही तरीका तो यह है कि पेट्रोल पंप कर्मी मशीन को पहले जीरो करें और उसके बाद पेट्रोल भरे या फिर मशीन को जीरो करके उसमें 100 रुपये फीड करें, इसके बाद ही वाहन में पेट्रोल भरे. लेकिन, जब पेट्रोल पंप कर्मियों को ठगी करनी होती है तो वह ऐसा नहीं करते हैं. वह आपको बातों में लगा लेते हैं. 


अब मान लीजिए उन्होंने पेट्रोल मशीन से जब पेट्रोल आपकी बाइक में भरना शुरू किया, तब उसमें 18 रुपये दर्ज थे और जब रीडिंग 100 रुपये दिखाने लगी तो पेट्रोल भरना रोक दिया. अब क्योंकि मशीन 100 रुपये दिखा रही होगा तो आप 100 रुपये पेट्रोल कर्मी को देंगे जबकि हकीकत में उसने सिर्फ 82 रुपये का ही पेट्रोल आपकी बाइक में डाला है क्योंकि पहले से ही मशीन की रीडिंग 18 रुपये थी. यह ठगी का सबसे आम तरीका है, जो इस्तेमाल किया जाता है.


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