Hybrid Cars: पेट्रोल डीजल कारों की तुलना में हाइब्रिड कारें इसलिए ज्यादा माइलेज देती हैं क्योंकि वे दो एनर्जी सोर्स इस्तेमाल करती हैं जिनमें : पेट्रोल/डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर शामिल रहती है. यह तकनीक फ्यूल की कम खपत करती है.
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Hybrid Cars: हाइब्रिड कारें सामान्य पेट्रोल-डीजल कारों के कम्पैरिजन में कहीं ज्यादा माइलेज देती हैं. दरअसल इनका सिस्टम साधारण कारों से अलग होता है. यही वजह है कि इन्हें चलाना कम खर्चीला है. हालांकि हाइब्रिड कारें आम कारों से थोड़ी ज्यादा कॉस्टली होती हैं. इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कैसे हाइब्रिड कारें ज्यादा माइलेज देने में सक्षम हैं और लोग क्यों इन्हें खरीदना पसंद कर रहे हैं.
कैसे ज्यादा माइलेज देती हैं हाइब्रिड कारें
पेट्रोल डीजल कारों की तुलना में हाइब्रिड कारें इसलिए ज्यादा माइलेज देती हैं क्योंकि वे दो एनर्जी सोर्स इस्तेमाल करती हैं जिनमें : पेट्रोल/डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर शामिल रहती है. यह तकनीक फ्यूल की कम खपत करती है. इसके पीछे कुछ बड़ी वजहें हैं:
1. रीजनरेटिव ब्रेकिंग:
हाइब्रिड कारें ब्रेक लगाने पर ऊर्जा को बर्बाद नहीं करतीं.
ब्रेकिंग के दौरान जेनरेट हुई काइनेटिक एनर्जी को इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा कैप्चर किया जाता है और इसे बैटरी में स्टोर कर लिया जाता है.
यह ऊर्जा गाड़ी को चलाने में फिर से उपयोग की जाती है, जिससे ईंधन की खपत कम होती है.
2. इलेक्ट्रिक मोटर का सहयोग:
हाइब्रिड कारें कम गति या स्टार्ट-स्टॉप ट्रैफिक में केवल इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करती हैं.
इंजन को हमेशा चालू रखने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे पेट्रोल/डीजल की बचत होती है.
3. ऑटोमेटिक इंजन स्टॉप/स्टार्ट सिस्टम:
जब गाड़ी रुकती है (जैसे रेड लाइट पर), तो हाइब्रिड कारें इंजन को स्वचालित रूप से बंद कर देती हैं.
इससे ईंधन की खपत कम होती है.
4. इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर का तालमेल:
जब ज्यादा पावर की जरूरत होती है (जैसे तेज गति या चढ़ाई पर), तो पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर मिलकर काम करते हैं.
यह सिस्टम इंजन पर दबाव कम करता है और माइलेज बढ़ाता है.
5. एयरोडायनामिक्स और हल्का डिज़ाइन:
हाइब्रिड कारों को हल्का और एयरोडायनामिक डिज़ाइन में बनाया जाता है.
इससे गाड़ी को चलाने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है.
6. कम RPM पर ऑपरेशन:
हाइब्रिड सिस्टम इंजन को कम RPM (रिवॉल्यूशन प्रति मिनट) पर चलाने की अनुमति देता है, जिससे इंजन की दक्षता बढ़ती है.