Loan for electric vehicle: देश में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ रही है. जहां इस सेगमेंट में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स का दबदबा है, वहीं पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में भी ग्राहकों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. टाटा मोटर्स इस समय देश की सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री करने वाली कंपनी है. इसके अलावा एमजी मोटर्स, किआ इंडिया और हुंडई भी इसमें हाथ आजमा रही है. मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और जैगुआर जैसी कंपनियां भी भारत में अपनी EVs बेचने लगी हैं. हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों की ऊंची कीमत के चलते बहुत से ग्राहक चाहकर भी इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीद रहे. 


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इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को झटका दे सकता है. गडकरी ने संसद में कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने बैंकों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर सस्ता लोन उपलब्ध कराने जैसी कोई सलाह नहीं दी है. उनका बयान इस सवाल के जवाब में आया है कि क्या उनका मंत्रालय बैंकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सस्ती ब्याज दर पर लोन देने की सलाह का प्रस्ताव रखता है.


सरकार अपनी FAME स्कीम के तहत सब्सिडी की पेशकश करके इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. हालांकि इसके बाद भी भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत करीब 10 लाख से ऊपर बनी हुई है. यही वजह है कि ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सस्ती ब्याज दरों की मांग कर रहे हैं. ऐसे में गडकरी का यह बयान कई ग्राहकों को मायूस कर सकता है. 


बजट में मिली सौगात
आपको यह भी बता दें कि हाल ही में केंद्रीय बजट 2023 की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तवर्ष 24 के लिए FAME-2 स्कीम के तहत अनुमानित ₹51.72 बिलियन आवंटित किए हैं. इसके अलावा, बजट में भारत में ईवी बैटरी बनाने के लिए आवश्यक उपकरणों के आयात पर सीमा शुल्क हटाने का भी प्रस्ताव किया गया है. इस फैसले से देश में ईवी की कीमतों को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है.


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