सेकेंड हैंड (Second Hand Cars) गाड़ियों का मार्केट काफी बड़ा है. बाजार में जितनी डिमांड नई गाड़ियों की है, लगभग उतनी ही बिक्री पुरानी कारों की भी होती है. पुरानी कार खरीदने की अपनी अलग-अलग वजह हो सकती है. कुछ लोग कम बजट होने के चलते पुरानी कार खरीदते हैं तो कुछ इसे फायदे का सौदा समझते हैं. नई कार के मुकाबले थोड़ा चली हुई कार खरीदने के सच में कई फायदा हैं. आज हम आपको ऐसे ही 3 फायदों के बारे में बता रहे हैं, जिसे जानने के बाद शायद आप नई गाड़ी की जगह थोड़ा-बहुत चली हुई गाड़ी खरीदना ज्यादा बेहतर समझें. 


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1. कीमत में बड़ा अंतर
कहा जाता है कि कार की कीमत शोरूम से उतरते ही कम हो जाती है. यह बात सच भी है. नई कार के मुकाबले पुरानी कार को खरीदने का सबसे बड़ा फायदा कीमत का अंतर होता है. उदाहरण के लिए, अगर कोई नई कार 10 लाख रुपये की है और इसे कुछ हजार किलोमीटर इस्तेमाल किया गया हो, तो यह करीब 1.5 से 2 लाख रुपये तक कम में मिल सकती है. 


2. वेटिंग पीरियड की समस्या नहीं
इन दिनों अधिकतर गाड़ियों पर लंबे वेटिंग पीरियड की समस्या रहती है. लेकिन अगर आप थोड़ा चली हुई गाड़ी खरीदते हैं तो इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. उदाहरण के लिए- अगर आप नई महिंद्रा XUV700 खरीदना चाहते हैं तो इस पर 1.5 से 2 साल तक का वेटिंग पीरियड चल रहा है. लेकिन आप चाहें तो इसे सेकेंड हैंड मार्केट में आज ही खरीद सकते हैं. 


3. कम इंश्योरेंस व रजिस्ट्रेशन चार्ज 
इंश्योरेंस की फीस कार की उम्र के साथ घटती जाती है. गाड़ी जितनी नई होगी, इंश्योरेंस फीस उतनी ही ज्यादा होगी. बीमा के अलावा, आपको रजिस्ट्रेशन चार्ज में भी कम राशि का भुगतान करना होगा. दरअसल, रजिस्ट्रेशन चार्ज कार की वर्तमान कीमत पर निर्भर करता है, ऐसे में नई के मुकाबले पुरानी कार के लिए कम रजिस्ट्रेशन चार्ज देना होगा. 


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