Car AC Facts: अपने नोटिस किया होगा की मैनुअल एसी वाली कारों में गोल स्विच दिया गया होता है, जिस पर 1, 2, 3 और 4, ऐसे नंबरिंग होती है. जब आप इसे एक से चार की तरफ घुमाते हैं तो ऐसी वेंट्स से आने वाली हवा तेज हो जाती है और जैसे आप इसे 4 से 1 की तरफ घुमाते हैं तो वैसे ही एयर फ्लो कम होने लगता है. फिर, अगर आप इसे 0 पर कर देंगे तो एयर फ्लो बंद हो जाएगा. 


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ऐसे में बहुत से लोगों को इस बात का कन्फ्यूजन हो सकता है कि एयर फ्लो कंट्रोल करने वाले गोल स्विच को कितने नंबर पर रखना है, 1, 2, 3 या 4. आपको बता दें कि यह कंट्रोल ब्लोअर के होते हैं. केबिन में हवा पहुंचाने के लिए ब्लोअर मोटर दी गई होती है, जिससे फैन के जरिए हवा अंदर तक पहुंचाई जाती है. इसके कितनी भी स्पीड पर चलने या न चलने से कार के माइलेज पर कोई असर नहीं पड़ता. 


ब्लोअर बहुत कम पावर में चलता है और इसे चलाने के लिए बैटरी का इस्तेमाल होता है. तो आप इसे अपने हिसाब से किसी भी स्पीड पर सेट कर सकते हैं. अगर कार में ज्यादा लोग हों और गर्मी ज्यादा हो तो इसे 4 पर भी कर सकते हैं वरना आम तौर पर 2 पर भी यह काफी ठीक हवा दे देता है, अगर इसमें कोई खराबी नहीं है तब. इसकी स्पीड से माइलेज पर फर्क नहीं पता है.


कार का माइलेज एसी ऑन होने से प्रभावित होता है क्योंकि एसी को चलाने के लिए इंजन का इस्तेमाल होता है. एसी का कंप्रेसर बेल्ट के जरिए इंजन से जुड़ा होता है और जब इंजन चलता है तभी एसी का कंप्रेसर चल पाए. ऐसे में एसी कंप्रेसर को चलाने से इंजन पर दबाव बढ़ता है और फ्यूल ज्यादा खर्च होता है. 


अगर एसी सबसे निचले टेंपरेचर (जिससे कि वह सबसे ज्यादा ठंडा करे) पर सेट होगी तो कंप्रेसर ज्यादा पावर कंज्यूम करेगा, जिससे इंजन पर दबाव बढ़ेगा और फ्यूल ज्यादा खर्च होगा. वहीं, अगर एसी टेंपरेचर को बढ़ा देंगे तो कंप्रेसर पर दबाव कम होगा और फिर इंजन पर भी दबाव कम जाएगा, तो फ्यूल भी कम खर्च होगा.


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