Light Foot Driving क्या है? जान लें, इससे कार देगी धांसू Mileage
Light Foot Driving Technique: अगर आपको अपनी कार से ज्यादा माइलेज चाहिए तो आपको Light Foot Driving तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. इससे आपको कार का माइलेज बढ़ाने में मदद मिलेगी. चलिए, इसके बारे में बताते हैं.
Light Foot Driving: पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी बढ़ चुकी है. ऐसे में अगर आपकी कार माइलेज अच्छा ना दे तो कार चलाने का खर्च और ज्यादा बढ़ जाएगा. तो आपको माइलेज अच्छा हासिल करने के लिए क्या करना चाहिए? आप जिस तरीके से कार को चलाते हैं, उसपर भी माइलेज निर्भर करता है. अगर आपको अपनी कार से ज्यादा माइलेज चाहिए तो आपको Light Foot Driving तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. इससे आपको कार का माइलेज बढ़ाने में मदद मिलेगी. चलिए, इसके बारे में बताते हैं.
लाइट फुट ड्राइविंग तकनीक कार चलाने की तकनीक है, जो ईको-फ्रेंडली और ऊर्जा की बचत करती है. इस तकनीक का उपयोग करके आप अपनी गाड़ी को आराम से और कम ऊर्जा खर्च करके चला सकते हैं. लाइट फुट ड्राइविंग का मतलब है कि एक्सीलेरेटर पेडल को हल्का और संवेदनशील ढंग दबाते हुए ड्राइविंग करना. इसमें ब्रेक का भी कम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
कैसे करें Light Foot Driving?
Light Foot Driving कोई बहुत बड़ी रॉकेट साइंस नहीं है. इसके लिए आपको सिर्फ इतना करना है कि कार को एक स्पीड पर ले जाकर एक्सीलेरेटर से पैर हटा लेना है और उसके बाद बहुत धीरे से एक्सीलेरेटर पेडल पर दोबारा दबाना है. अब इसे उस प्वाइंट पर ले जाकर रोक देना है, जहां आपकी कार एक कांस्टेंट स्पीड पर चलती रहे.
यह स्पीड इतनी हो कि आपको बार-बार ब्रेक लगाने की जरूरत ना पड़े और अगर कहीं थोड़ी-बहुत ब्रेकिंग की जरूरत पड़ती भी है, तो वहां इंजन ब्रेकिंग से काम चल जाना चाहिए. अगर आप यह करने में सफल रहते हैं तो आपकी कार अच्छा माइलेज देगी. इसी को Light Foot Driving कहते हैं.
हालांकि, अगर आपकी कार में क्रूज कंट्रोल है तो इसकी जगह पर आप क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल कर सकते हैं. वह भी आपको अच्छा माइलेज हासिल करने में मदद करता है.
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