Benefits Of Wearing Pukhraj : रत्न शास्त्र में रत्नों को धारण करने से और उनसे प्राप्त होने वाले महत्वों को बताया गया है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूत करने और उनके बुरे प्रभावों को कम करने के कौन से रत्न धारण करना चाहिए, इन बातों की विस्तार से जानकारी दी गई है. वहीं अगर कुंडली में उपस्थित नौ ग्रहों की चाल इंसान के जीवन में बेसुमार दौलत संपत्ति और मान-सम्मान और भौतिक सुखों का तमगा पहना देता है या फिर उसे सीधे नीचे गिरा देगा.


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इन 9 ग्रहों में बृहस्पति देव का स्थान मुख्य है. उनकी स्थिति सही होने से वैवाहिक जीवन से लेकर आर्थिक स्थिति में कोई कमी नहीं होती है और यदि उनकी चाल विपरीत हो तो जीवन में सब उल्टा होने लगता है, इंसान को राजा से रंक बनने में देर नहीं लगती है. रत्न शास्त्र में ग्रहों को कंट्रोल करने के लिए या फिर इनके दुष्प्रभाव से बचने के लिए रत्न शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि यदि कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर या दुषप्रभाव दे रहे हैं तो क्या उपाय और कौन सा रत्न धारण करना चाहिए.


पुखराज पहनने के फायदे :


रत्न ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं, यदि राशि और ग्रह के अनुसार इन रत्नों को धारण करते हैं तो जीवन में इनका अनुकूल प्रभाव पड़ता है और इनके दोषों को दूर किया जा सकता है. मान्यता है कि रत्न धारण करने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता के मार्ग भी खुलते हैं.  इन्हीं रत्नों में से पुखराज भी एक अमूल्य रत्न बताया गया है. यह पीले रंग का चमकीला पत्थर बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति खराब स्थिति में है और शुभ फल प्रदान नहीं कर रहे हैं तो किसी ज्योतिष की परामर्श से इस रत्न को धारण करना चाहिए. पुखराज धारण करने से विवाह में हो रुकावटें दूर होती हैं साथ ही धन-संपत्ति और मान-सम्मान में वृद्धि भी प्राप्त होती है. 


- मिथुन, कन्या और वृषभ राशि के जातकों के लिए पुखराज रत्न पहनना शुभ साबित होता है. इसको धारण करने से उनको कभी धन की कमी नहीं होती है. 


- रत्न शास्त्र में बताया गया है कि धनु व मीन राशि वालों को लिए भी पुखराज धारण करना भाग्यवृद्धि करता है. इसको धारण करते ही उनके मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. 


- रत्न और ज्योतिष शास्त्र में वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुम्भ लग्न वाले जातकों को पुखराज नहीं पहनने की सलाह दी जाती है. यदि आपकी कुंडली में गुरु नीच स्थान पर है तो किसी ज्योतिष या विशेषज्ञ की सलाह से ही रत्न धारण करें.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)