Pitru Paksha Tulsi Gupt Upay: हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व बताया गया है. बता दें कि भाद्रपद पूर्णिमा 27 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है. इन 16 दिनों में पितरों की पूजा, तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध आदि किया जाता है. मान्यता है कि इन दिनों में पितर धरती पर आते हैं और वंशजों की पूजा-पाठ और तर्पण आदि से प्रसन्न होर उन्हें तरक्की और सफलता का आशीर्वाद प्रदान कतेर हैं.


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इन दिनों में पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए विधिपूर्वक श्राद्ध आदि करके की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. पितृ पक्ष के दौरान कई ज्योतिष उपाय करने से भी पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है. वहीं, तुलसी का ये उपाय भी तर्पण के समान फल प्रदान करता है. साथ ही, पितरों को मुक्ति मिलती है. आइए जानें तुलसी के इस उपाय और पितृ पक्ष की तिथि के बारे में.


कब से शुरू हो रहे हैं श्राद्ध 2023


हिंदू पंचांग के अनुसार  पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से शुरू होती है और अश्विन अमावस्या के दिन आखिरी श्राद्ध होता है. ऐसी मान्यता है कि ये 16 दिन पितर धरती पर रहते हैं और पिंडदान, तर्पण आदि से तृप्ति होकर वंशजों को आशीर्वाद प्रदा करते हैं.  


इस साल 27 सितंबर 2023 से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है. और इसका समापन अश्विन अमावस्या 14 अक्टूबर 2023 के दिन होगा. कहते हैं कि इस दौरान कुछ खास उपाय पितरों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जिससे पितृ प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. 


पितृ पक्ष में करें तुलसी से जुड़ा उपाय 


जयोतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हिंदूओं में श्राद्ध, तर्पण औरप पिंडदान आदि करने की परंपरा सदियों पुरानी है. पितृ पक्ष में हर तिथि का अपना महत्व है. इसके साथ ही पितरों को तृप्ति करने, उनकी मुक्ति और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई ज्योतिष उपाय भी किए जाते हैं. इन्हीं उपायों में तुलसी का ये एक गुप्त उपाय भी है. 


धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तुलसी के इस उपाय को करने से हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और तर्पण, पिंडदान के समान ही फल की प्राप्ति होती है. इस उपाय को पितृ पक्ष के दौरान किसी भी दिन किया जा सकता है. बस, ये ध्यान रखें कि एकादशी और रविवार के दिन ये उपाय भूलकर न करें. 


तुलसी के पास अर्पित करें गंगाजल


इस उपाय को कर आपको पितरों को मुक्ति प्रदान कर सकते हैं. बता दें कि श्राद्ध पक्ष के दौरान घर का कोई भी सदस्य तुलसी का ये उपाय कर सकता है.  इसके लिए तुलसी के गमले के पास एक कटोरी रख दें. इसके बाद हथेली में गंगाजल लेकर 5 या 7 बार पितरों के नाम का स्मरण करें. साथ ही बाबा विश्वनाथ का नाम लें और धीरे-धीरे गंगाजल छोड़ें. इसके बाद हाथ जोड़ कर मां तुलसी और पितरों का मनन करें. इस गंगाजल को किसी अन्य पौधे में भी डाला जा सकता है. कहते हैं कि इस उपाय को करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है. साथ ही, व्यक्ति को  पिंडदान के समान फल की प्राप्ति होती है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)