Aja Ekadashi Katha: हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल अजा एकादशी 10 सितंबर, रविवार को मनाई जाएगी. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 9 सितंबर की शाम 7:17 से शुरू होगी जो 10 सितंबर की रात 9:28 पर समाप्त होगी. 10 सितंबर, अजा एकादशी के दिन पुनर्वसु और पुष्प नक्षत्र रहेंगे. इतना ही नहीं, इस दिन रवि पुष्प योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेंगे. इस तरह अजा एकादशी के दिन कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है. ऐसे शुभ संयोग में अजा एकादशी का व्रत रखना, पूजा करना, कथा पढ़ना बहुत लाभ देगा. अजा एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्‍णु की पूजा-अर्चना करें. ऐसा करने से सारे पापों से भी मुक्ति मिलती है.


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अजा एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त


अजा एकादशी पर पूजा करने के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. इसके बाद विजय मुहूर्त दोपहर में 2 बजकर 11 मिनट से 2 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. वहीं अजा एकादशी पारण का समय 11 सितंबर की सुबह 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक है. 


अजा एकादशी के दिन जरूर पड़ें कथा 


अजा एकादशी का व्रत रख रहे लोगों को कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है, तभी व्रत और पूजा का पूरा फल मिलेगा. 
 
- अजा एकादशी का व्रत करें या ना करें, लेकिन इस दिन मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन गलती से ना करें. अजा एकादशी का दिन बहुत पवित्र माना गया है. इस दिन तामसिक चीजों का सेवन करना भगवान को नाराज कर सकता है. 


- अजा एकादशी के दिन चावल और मसूर की दाल का सेवन भी ना करें. 


- अजा एकादशी व्रत-पूजा का पूरा फल तभी मिलेगा, जब अजा एकादशी की कथा पढ़ें, साथ ही इस दिन दान-पुण्‍य जरूर करें. किसी गरीब या जरूरतमंद को अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार भोजन, कपड़े या धन दें.


- एकादशी तिथि के दिन किसी भी पेड़-पौधे के पत्ते नहीं तोड़ें. यहां तक कि इस दिन लकड़ी के दातुन, नींबू जामुन या फिर आम का पत्ता चबाने की भी मनाही की गई है. 


- अजा एकादशी के दिन ना तो मन में बुरे विचार लाएं और ना ही किसी से अपशब्‍द कहें. बल्कि अपना ज्‍यादा से ज्‍यादा समय भगवान की भक्ति में लगाएं. 


इन नियमों का पालन करके रखा गया व्रत जीवन में सुख समृद्धि देता है और सारे कष्‍ट भी दूर करता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)