Puja Deepak Rules: हिंदू धर्म में देवी- देवताओं के सामने दीपक जालना शुभ माना गया है, बिना दीपक जलाएं और आरती किए बिना भगवान की पूजा अधूरी मानी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं पूजा-घर में रख दीपक को बार-बार बदलना नहीं चाहिए. शास्त्रों में बताया गया है कि एक दीपक या दीपदानी का प्रयोग लंबे समय तक करना चाहिए. मान्यता है कि दीपक का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से घर में हमेशा बरकत बनी रहती है. यदि आप बार-बार दीपदानी को बदल रहे हैं तो यह अशुभ परिणाम देते है. 


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इन बातों का रखें ध्यान:


- मान्यता है कि भगवान का दीपक खंडित न हो क्योंकि धार्मिक कार्यों में खंडित वस्तुओं का प्रयोग वर्जित माना गया है. पूजा करते समय हमेशा स्वच्छ और सही दीपक का ही प्रयोग करें. 


- यदि आप घी का दीपक जला रहे हैं तो सफेद रुई बत्ती का प्रयोग करें और उसमें चावल का प्रयोग करें. 


- दीपक रखने की सही दिशा हमेशा पूरब मानी गई है. पिर्त पक्ष के समय पश्चिम दिशा में दीपक पितरों को समर्पित किया गया है. इसके अलावा पश्चिम दिशा में दीपक जलाने से फिजूलखर्च बढ़ते हैं. 


- शाम के समय घर की चौखट पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी का वास सदैव बना रहता है. 


- कभी भी एक दीपक से दूसरे दीपक को नहीं जलाना चाहिए.  हमेशा दीपक को अलग- अलग करके ही जलाएं. 


- शनिदेव को हमेशा सरसों के तेल और काले तिल का ही दीपक जलाना चाहिए. 


- सुबह और शाम के समय दीपक जलाने से घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है. साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. 


- ध्यान रहें जिस माचिस का प्रयोग दीपक जलाने में की जाती है वह शुद्ध हो और उसका प्रयोग पूजाघर में ही किया जाएं.  


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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