टीम इंडिया का जुझारू `योद्धा` विराट कोहली
ऐसा मैच और वह भी टी20 में देखने को नहीं मिला जब टीम इंडिया ने बाद में बल्लेबाजी करते हुए 12 से ज्यादा रनरेट का प्रति ओवर टारगेट हासिल कर मैच जीता हो। शिखर धवन, रोहित शर्मा, सुरेश रैना और युवराज सिंह आउट होकर पवेलियन लौट चुके थे। टारगेट काफी बड़ा था और उसे हासिल करने में धुरंधर बल्लेबाजों के भी पसीने छूट जाते हैं। टीम इंडिया के ताबड़तोड़ गिरते विकेट ऑस्ट्रेलियन टीम में एक तरफ खुशी का संचार कर रहे थे लेकिन हारी हुई बाजी को जीत में तब्दील करने के लिए मैदान में भारतीय क्रिकेट टीम का एक जुझारू योद्धा डटा था और वह था विराट कोहली।
यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया इस वक्त पूरी तरह कोहली पर निर्भर हो गई है। उनका बल्ला जब चलता है। रनों की आग उगलता है तो हारी हुई बाजी भी टीम जीत जाती है। 17वें ओवर में यही सबकुछ रविवार को ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए मैच के दौरान भी हुआ। 17वें ओवर से जब विराट ने खेलना शुरू किया तो मोहाली विराटमय हो गया। उन्होंने इसी ओवर में जीत की पटकथा लिख दी। अबतक पूरी तरह से शांत दिख रहे कोहली की आक्रामकता देखने लायक थी। उन्होंने ग्राउंड के हर तरफ शॉट खेलकर दर्शकों को यह संदेश दे दिया कि टीम इंडिया का जीतना और ऑस्ट्रेलिया का हारना तय है। विराट के बल्ले से उड़ रहे चौके और छक्के मैदान में यह संदेश दे रहे थे कि टीम इंडिया को सेमीफाइनल में पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता।
यकीनन यह विराट की करिश्माई पारी थी। क्रिकेट के इतिहास में यह उनकी चमत्कारिक पारियों में शुमार की जाएगी। एक ऐसी पारी जो हर लिहाज से असाधारण थी। एक ऐसी इनिंग जिसमें विराट के हौसले जगजाहिर हो रहे थे। इस पारी में कोहली की समझबूझ और धैर्य का जवाब नहीं। क्रिकेट के हर दिग्गजों ने इसे सराहा। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा ने यहां तक कह डाला- कुछ भी कहने की जरूरत नहीं। कोहली की 51 गेंदों में खेली गई 82 रन की पारी उनकी शानदार बैटिंग में शुमार की जा रही है। उनके चौकों की चोट और सिक्सर की गूंज मैदान से बाहर भी सुनाई दे रही है और जिसकी चौतरफा वाहवाही भी हो रही है।
विराट अब सही मायने में क्रिकेट के सम्राट बन गए है। क्रिकेट का एक ऐसा सरताज जिसे हर हालात से निपटना आता हो। बीते कई दशकों में भारतीय क्रिकेट टीम में कोई ऐसा आक्रामक बल्लेबाज नहीं दिखा जो जरूरत के मुताबिक बैटिंग का गियर बदल लेता हो। यानी जब जरूरत हो तो सिंगल और जब जरूरी हो तो चौके और छक्के उड़ाने की काबिलियत रखता हो। जिस खिलाड़ी का पिच पर होना जीत की गारंटी हो। जिसे विपक्षी टीम के गेंदबाजों की बखिया
उधेड़ने में महारत हासिल हो। जो अकेले दम पर मैच का रुख बदल देने की क्षमता रखता हो। जो पूरा प्रेशर खुदपर लेता हो और बल्ले से दनादन रनों की बरसात करता हो। एक ऐसा रनचेजर जो किसी भी टारगेट को भेदना जानता हो। इन सब पैरामीटर पर विराट पूरी तरह खरे उतरते हो। इसलिए विराट कोहली टीम इंडिया के अबतक के बेस्ट रनचेजर के रूप में शुमार होते हैं जिसकी रनों की भूख कभी खत्म नहीं होती।
यह पहला मैच नहीं था जब विराट ने अपनी बैटिंग के बल पर ऑस्ट्रेलिया को धोया । वर्ष 2016 में विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई शानदार पारियां खेली हैं। टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भी विराट ने शानदार प्रदर्शन किया था। विराट की वजह से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ यह मैच जीता था। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 में काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। कोहली 9 मैच खेलते हुए करीब 67 की औसत से 401 रन बना चुके हैं, जिसमें चार हाफ सेंचुरी भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय टी20 में सबसे ज्यादा रन बनने का रिकॉर्ड भी कोहली के नाम है। कोहली 42 मैच खेलकर करीब 57 की औसत से 1552 रन बना चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में लक्ष्य का पीछा करते समय कोहली की औसत 122.83 की है। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 131 का रहा। कोहली ने पिछली 15 पारियों में 9 बार नाबाद रहते हुए 737 रन बनाए।
तभी टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी उनकी सराहना करते हुए नहीं थकते। उनकी नजरों में विराट वर्तमान में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं और असाधारण से भी परे हैं। वह कुछ और ही है। गावस्कर के मुताबिक कोहली की प्रतिभा का तथ्य यह है कि वह दबाव में डिलीवर करते हैं और टीम के हित को सबसे ऊपर मानते हैं। गावस्कर कोहली के पॉवर और टाइमिंग के संयोजन के दीवाने है। वह यह भी मानते है कि भगवान का शुक्र है कि विराट भारत के लिए खेल रहे हैं। यकीनन विराट का बल्ला ऐसे ही खनकता और चमकता रहा तो टीम इंडिया हमेशा अजेय रहेगी। इसमें रत्ती मात्र भी संशय नहीं है।