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  • Sanjeev Kumar Dubey

    संजीव कुमार दुबे

    संजीव कुमार दुबे राजनीति और सम-सामयिक विषयों की खबरों को विशेष रूप से कवर करते हैं. वायरल कंटेंट पर निगाह रखने के साथ ही ये यूजर्स यूटिलिटी की खबरों पर भी नजर रखते हैं.

    संजीव कुमार दुबे राजनीति और सम-सामयिक विषयों की खबरों को विशेष रूप से कवर करते हैं. वायरल कंटेंट पर निगाह रखने के साथ ही ये यूजर्स यूटिलिटी की खबरों पर भी नजर रखते हैं.

Stories by Sanjeev Kumar Dubey

टिटिलागढ़: 'अंगारों' सी तपती जमीन पर शांति और सुकून के पल

Titlagarh

टिटिलागढ़: 'अंगारों' सी तपती जमीन पर शांति और सुकून के पल

गर्म धूप निकली सभी सुगबुगाए, हटा दो रजाई ,चलो धूप खाए। एक कविता का ये हिस्सा जाड़े के मौसम के लिए मुफीद बैठता है। सूरज से निकल रही गुनगुनी धूप जाड़े के दिनों में सुकून देती है जबकि गर्मी में सितम ढाने और जलाने का काम करती है। और इस मौके पर ‘गर्मी ने बेदम किया, मुख से निकले आग, वन-उपवन जलने लगे ऐसी बरसी आग। मौसम करवट ले रहा, निकल रही है जान, जल-जंगल जलने लगे, पिघल रहा इंसान’ ये पंक्तिया गर्मी की दशा और दिशा से बखूबी साक्षात्कार कराती है। इस बार देश के कई हिस्सों में जो गर्मी मई और जून के महीने में पड़ा करती थी वह अप्रैल के महीने में ही आसमान से आग बरसा रही थी। ओडिशा के 18 जिले सूरज की दहकती गर्मी से धधक रहे हैं। गर्मी और तपिश का हाल कुछ ऐसा कि जिसने जिंदगी की दिनचर्या को तहस-नहस करके रख दिया हो।

May 13,2016, 16:40 PM IST

बिहार चुनाव: 'अहंकार' और बड़बोलेपन ने डुबोई NDA की नैया

Bihar elections 2015

बिहार चुनाव: 'अहंकार' और बड़बोलेपन ने डुबोई NDA की नैया

एक विचारक ने कहा है कि विनम्रता का मतलब कायरता हर्गिज नहीं होती। विनम्रता सफलता की बुनियाद रखने में सहायक होती है। जो विनम्रता से जीना सीख लेते हैं, उनकी कई परेशानियां खत्म हो जाती हैं। यह मानवीय गुण व्यक्ति को शांति, सहनशीलता, शक्ति और ऊर्जा प्रदान करती है। लेकिन दूसरी तरफ बड़बोलापन हमेशा नुकसान देता है। जरूरत से ज्यादा बोलना, जरूरत से ज्यादा दिखाने की कोशिश आपकी सहजता को खत्म करती है और आखिरकार आप नुकसान में रहते है। प्रत्येक इंसान में महत्वाकांक्षा का होना जितना अच्छा है, उसकी अति-महत्वाकांक्षा उतनी ही नुकसानदायक होती है क्योंकि 'अति सर्वत्र वर्जयेत।'

Nov 8,2015, 15:50 PM IST

हार के 'चक्रव्यूह' में उलझी धोनी की कप्तानी

Dhoni Captainship

हार के 'चक्रव्यूह' में उलझी धोनी की कप्तानी

बांग्लादेश से वनडे सीरीज में बुरी तरह हुई टीम इंडिया की हार ने कई सवाल खड़े किए है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि यह वहीं टीम है जिसने इसी साल वर्ल्डकप में धमाकेदार प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया था। भले ही टीम इंडिया सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई लेकिन टूर्नामेंट में वह बेहतर खेली इसमें कोई संदेह नहीं था। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की पिचों पर गेंद टप्पा खाने के बाद ज्यादा बाउंस होती है। इन पिचों पर हवा में गेंद स्विंग करती है, जिसे खेलना एशियाई बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होता है। और ऐसी पिचों पर भारतीय टीम शानदार प्रदर्शन कर रही थी। लेकिन एशियाई पिच यानी बांग्लादेश की पिच पर भारतीय क्रिके

Jun 22,2015, 15:51 PM IST

पशु की सोहबत में 'इंसानी मोहब्बत'

human love

पशु की सोहबत में 'इंसानी मोहब्बत'

देश के नामचीन शायर जिगर मुरादाबादी ने एक बड़ा ही खूबसूरत शेर लिखा है। इक लफ्जे मोहब्बत का अदना सा फंसाना है , सिमटे तो दिले आशिक फैले तो जमाना है। प्यार-मोहब्बत इंसानी रिश्ते की उस पाकीजगी को दर्शाता है जिसमें दूरियां नजदीकियां बनती है। मोहब्बत से कोई भी रिश्ता बनता, सजता और संवरता है। मोहब्बत दिलों को समेट जरूर देता है लेकिन इसका दायरा इतना बड़ा है जो इंसानी दिमाग की कल्पना से भी परे है। आम तौर पर ऐसे लफ्जों का इस्तेमाल हम नायक-नायिका के प्रेम-संबंधों को लेकर ही करते है। जबकि प्रेम की विशालता संबंधों से परे होकर हर उस पवित्र रिश्ते को प्रगाढ़ करती है जो बिना किसी स्वार्थ के इंसानियत को पल-

May 8,2015, 21:05 PM IST

बेरूखी से बर्बाद और बदहाल होता 'अन्नदाता'

किसान

बेरूखी से बर्बाद और बदहाल होता 'अन्नदाता'

किसानों की बेबसी, लाचारी, उसकी तकलीफें आज टीवी चैनलों और अखबारों की सुर्खियां बनती है। किसान फसलों की बर्बादी की वजह से खुदकुशी कर रहे हैं। कहीं कोई किसान, तो किसी जगह पर किसान का पूरा परिवार खुदकुशी कर रहा है। हम इन खबरों को पढ़कर विचलित नहीं होते क्योंकि इनसे हमारा सरोकार ना के बराबर होता है। लेकिन एक बार अगर आप मदर इंडिया फिल्म मौका निकालकर देखें (ना देखी हो तो) आपकी आंखें भर आएंगी। इस फिल्म में किसानों की बदहाल और दर्दनाक तस्वीर को बेहद बारीकि से सेल्यूलाइड के पर्दे पर दिखाया गया था। कैसे एक किसान साहूकार के हाथों कर्ज के बोझ से दबता चला जाता है और उसकी जिंदगी ही नहीं बल्कि पूरा परिवार

Apr 22,2015, 21:50 PM IST

सवालों के घेरे में ग्रीनपीस इंडिया का 'पर्यावरण संरक्षण'

Greenpeace

सवालों के घेरे में ग्रीनपीस इंडिया का 'पर्यावरण संरक्षण'

ग्रीनपीस इंडिया की गतिविधियों पर पिछले दिनों केंद्र सरकार ने लगाम लगाने की कवायद की। संस्था की गतिविधियों को सवालों के कटघरे में ला खड़ा करते हुए केंद्र सरकार ने एनजीओ ग्रीनपीस इंडिया का लाइसेंस छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया। साथ ही संस्था के सभी सात बैंक अकाउंट भी तुरंत प्रभाव से फ्रीज कर दिए गए । सरकार ने कहा कि ये संस्था देश में जनहितों और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा रही थी इसलिए ऐसा किया गया। ग्रीनपीस इन आरोपों को खारिज करती है। ग्रीनपीस इंडिया को करीब 70 फीसद पैसा भारतीयों से मिलता है और गृह मंत्रालय ने आदेश दिया कि इस धन पर भी रोक लगाई जाए। सरकार के आरोपों से ग्रीनपीस इंडिया भले ह

Apr 17,2015, 22:57 PM IST

कार्टून की बोली पर आतंक की गोली

cartoon

कार्टून की बोली पर आतंक की गोली

फ्रांस की राजधानी पेरिस में कई वर्षों से छप रही मैगजीन चार्ली हेब्डो के ऑफिस में आतंकी हमले से 12 लोगों की जान चली गई। इस आतंकी हमले का सबसे दुखद पहलू यह रहा कि इसमें इस मैगजीन के संपादक के अलावा 9 पत्रकारों को भी जान से हाथ धोना पड़ा। यह मैगजीन बेखौफ होकर किसी के बारे में कुछ भी लिखने, कार्टून बनाने, चुटकुले सुनाने और व्यंग करने के लिए जानी जाती थी। कई बार हमले हुए। धमकियां मिली लेकिन इस मैगजीन के सभी पत्रकार हमेशा अपने मन की करते रहे। शायद इसी बेखौफ अंदाज की वजह से यह फ्रांस ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे विवादित मैगजीन में शुमार होती है। लगभग हर धर्म यहां के कार्टून के निशाने पर होता था।

Jan 7,2015, 23:58 PM IST

धोनी ने कराया युवराज को टीम इंडिया से OUT, सेलेक्टर्स की बैठक में किया विरोध!

yuvraj singh

धोनी ने कराया युवराज को टीम इंडिया से OUT, सेलेक्टर्स की बैठक में किया विरोध!

टीम इंडिया के वर्ल्ड कप स्कवॉयड का ऐलान मंगलवार को कर दिया गया लेकिन इसमें सबसे बड़ी हैरानी की बात यह रही कि स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह को टीम में शामिल नहीं किया गया। चंद दिनों से यह अटकलें यह लगाई जा रही थी कि रणजी में युवराज सिंह के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए टीम इंडिया में वर्ल्ड कप स्कवॉयड के लिए उनका चुनाव किया जा सकता है। युवराज ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में लगातार तीन शतक ठोककर अपना दावा मजबूती के साथ पेश किया था लेकिन ऐन मौके पर ऐसा नहीं हुआ और सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे कैप्टन कूल धोनी की भूमिका रही। बताया जा रहा है कि धोनी नहीं चाहते थे कि युवराज टीम में शामिल हो और चयनकर्तओं को उनकी जिद के आगे झुकना पड़ा।

Jan 6,2015, 17:00 PM IST

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