7th Pay Commission DA Arrear: अगर आप खुद या आपके पर‍िवार में कोई भारत सरकार का कर्मचारी है तो यह खबर आपको खुश कर देगी. केंद्र सरकार के कर्मचार‍ियों के 16 महीने से रुके हुए 18 महीने के डीए एर‍ियर (DA Arrear) पर खुशखबरी आ रही है. अपनी इस मांग को लेकर कर्मचार‍ियों ने कई बार सरकार से मांग की है. पिछले डेढ़ साल में महंगाई भत्ता बढ़ाने का तीन बार फैसला हुआ लेक‍िन कर्मचार‍ियों के बकाया पर कोई फैसला नहीं हुआ.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2023 की शुरुआत में म‍िलना शुरू हो सकता है
कर्मचारियों को एक बार फ‍िर से इस पर फैसला आने की उम्‍मीद है. कैबिनेट सेक्रेटरी से होने वाली बातचीत में इस पर भी चर्चा हो सकती है. सहयोगी वे‍बसाइट जी ब‍िजनेस के सूत्रों का दावा है क‍ि सरकार 18 महीने के एर‍ियर का 3 क‍िस्‍तों में भुगतान कर सकती है. इस पर भुगतान हुआ तो यह तीन क‍िस्‍तों में म‍िलेगा. यह भुगतान साल 2023 की शुरुआत में म‍िलना शुरू हो सकता है.


बकाये के भुगतान पर होनी है मीटिंग
महंगाई भत्ते के बकाये के भुगतान पर एक मीटिंग होनी है. इस दौरान यह साल 2020 से रुके हुए महंगाई भत्ते के बकाये को देने पर सहमत‍ि बन सकती है. सरकार ने साल 2021 में एक ही बार में DA में 11 प्रत‍िशत का इजाफा क‍िया था. लेक‍िन इससे पहले की कोरोना के दौरान की जनवरी 2020, जुलाई 2020, जनवरी 2021 की तीन किस्तें नहीं मिली हैं. कर्मचारियों की मांग के बावजूद सरकार ने इसे देने से साफ इंकार कर द‍िया था.


तीन क‍िस्‍तों में भुगतान संभव
एक बार फिर से इस पर उम्‍मीद बन रही है. कर्मचारी और पेंशनर्स यूनियन के प्रतिनिधि कैबिनेट सेक्रेटरी की मीटिंग में इस मुद्दे को उठाएंगे. उनकी कोश‍िश रहेगी की सरकार इस पर सकारात्‍मक फैसला लें. यद‍ि सरकार 18 महीने का डीए एर‍ियर देने पर तैयार होती है तो संभव है इसका भुगतान तीन क‍िस्‍तों में क‍िया जाए. हालांक‍ि व‍ित्‍त मंत्रालय ने इस मामले में यही कहा था क‍ि उस दौरान महंगाई भत्ता फ्रीज था. ऐसे में इस अवधि का पैसा नहीं बनता.


सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सरकार ने पुन: व‍िचार करने के ल‍िए कहा था. अदालत की तरफ से कहा गया था क‍ि यह कर्मचार‍ियों का हक है. नेशनल काउंसिल ऑफ JCM (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा ने बताया क‍ि अलग-अलग पे-लेवल के ह‍िसाब से कर्मचारियों का भुगतान अलग होगा. उदाहरण के ल‍िए लेवल-3 पर कर्मचारियों का DA एरियर 11,880 से 37,554 रुपये के बीच होने की उम्‍मीद है. हालांक‍ि सरकार के फैसले के आधार पर यह आंकड़ा बदल सकता है.


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नही.