8th Pay Commission latest Updates: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें देशभर में लागू हैं और कर्मचारियों को इसका लाभ भी मिल रहा है. हालांकि कर्मचारियों की शिकायत है कि उनके लिए जितनी सिफारिशें की गई थी, उन्हें उससे कम सैलरी मिल रही है. कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि वे इस संबंध में एक ज्ञापन तैयार कर रही हैं, जिसे जल्द ही सरकार को सौंपा जाएगा. इस बीच केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया है कि 8वें वेतन पर सरकार अभी कोई विचार नहीं कर रही है लेकिन, संघ का कहना है कि इस ज्ञापन में सिफारिशों के अनुरूप सैलरी बढ़ाने या 8वां वेतन आयोग लाने की मांग की जाएगी, और जरूरत पड़ने पर हड़ताल भी किया जाएगा.


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कर्मचारी कर सकते हैं हड़ताल 


हमारी सहयोगी वेबसाइट के अनुसार, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ AIDEF ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार 8वें वेतन आयोग और पुरानी पेंशन को बहाल नहीं करती तो कर्मचारी अनिश्चितकाल हड़ताल पर जा सकते हैं. केंद्रीय और राज्य कर्मचारी संयुक्त रूप से इस हड़ताल में हिस्सा बन सकते हैं. हालांकि, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के इस बात से सीधे तौर पर यह निकाल लिया गया कि 8वां वेतन आयोग आएगा ही नहीं.


26 हजार रुपये तक हो सकता है न्यूनतम वेतन  


सहयोगी वेबसाइट ज़ी बिजनेस के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारी संगठनों का कहना है कि फिलहाल न्यूनतम वेतन की सीमा 18 हजार रुपये रखी गई है. इसमें वेतन वृद्धि में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को काफी प्रमुखता दी गई है. फिलहाल यह फैक्टर 2.57 गुना है, हालांकि 7वें वेतन आयोग में इसे 3.68 गुना तक रखने की सिफारिश की गई है. अगर ऐसा हो जाता है तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 26 हजार रुपये तक हो जाएगा. 


कोई नया सिस्टम भी लॉन्च कर सकती है सरकार


सूत्रों के मुताबिक अब 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के बाद नया वेतन आयोग नहीं आएगा. इसके बजाय सरकार ऐसा सिस्टम लागू करने जा रही है, जिससे सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि अपने आप हो जाया करेगी. यह एक 'ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम' हो सकता है, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा DA होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक रिविजन हो जाया करेगा. अगर ऐसा होता है तो केंद्र सरकार के 68 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनधारकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. सरकार ने हालांकि अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. जब सरकार इस पर कोई फैसला ले लेगी तो अधिसूचना जारी कर इसे ऑफिशियल किया जाएगा. 


लोअर इनकम ग्रुप की ज्यादा बढ़ सकती है सैलरी


मामले से जुड़े वित्त मंत्रालय के एक अफसर के अनुसार, महंगाई को देखते हुए लोअर लेवल से मिडिल लेवल के कर्मचारियों की सैलरी बढ़नी चाहिए. ऐसे में अगर सरकार वर्ष 2023 में कोई नया सैलरी फॉर्मूला लेकर आती है तो हो सकता है कि मिडिल लेवल के कर्मचारियों को ज्यादा फायदा न मिले लेकिन लोअर इनकम ग्रुप के कर्मचारियों को बढ़िया फायदा हो सकता है. उनकी बेसिक सेलरी 3 हजार रुपये बढ़कर 21 हजार रुपये तक हो सकती है. 


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