Adani Energy Solutions: गौतम अडानी की अगुवाई वाले ग्रुप की पॉवर ट्रांसमिशन यूनिट ने शेयर बिक्री के जरिए एक अरब अमेरिकी डॉलर यानी 8300 करोड़ से ज्यादा रुपए जुटाए हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद यह पहली बार है जब अडानी ग्रुप ने सार्वजनिक इक्विटी के जरिए फाइनेंस हासिल किया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. हालांकि, अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों से इनकार किया है. 


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कहां से की बंपर कमाई


मामले से अवगत सूत्रों का कहना है कि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने पात्र संस्थागत नियोजन यानी क्यूआईपी निर्गम के जरिए यह पैसा जुटाया है. QIP का फुल फॉर्म Qualified Institutional Placement होता है. कंपनियां QIP का इस्तेमाल घरेलू बाजार से रकम जुटाने के लिए करती हैं.


मंगलवार को खुले अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड के क्यूआईपी को करीब 26,000 करोड़ रुपये की मांग के साथ तीन गुना अभिदान मिला. इसके साथ यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सबसे बड़ा सौदा बन गया. कंपनी का निर्गम (issue) मूल्य 976 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले 1,135 रुपये पर बंद हुआ.


SEBI से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं


कोई भी कंपनियां QIP का इस्तेमाल घरेलू बाजार से रकम जुटाने के लिए करती हैं. इसकी एक खास बात यह है कि इसके लिए कंपनी को मार्केट रेग्युलेटर यानी SEBI से मंजूरी लेने की भी जरूरत नहीं है. QIP के लिए कंपनी नियमों के मुताबिक शेयर का भाव तय करती है. QIP का भाव शेयर के 2 हफ्ते के औसत भाव से कम नहीं हो सकता है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों और वेंचर्स कैपिटल फंड्स को भी शेयर जारी हो सकते हैं.