Adani Hindenburg Saga: हिंडनबर्ग खुलासे के चार महीने बाद Adani Group के लिए खुशखबरी, शेयरों में आएगी तेजी!
Hindenburg Report: मॉरीशस में अडानी ग्रुप की फर्जी कंपनियां होने का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट को मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री ने संसद में ‘झूठा और आधारहीन’ बताया. उन्होंने कहा कि उनका देश ओईसीडी के तय टैक्स नियमों का पालन करता है.
Mauritius Minister Statement on Adani Group: अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद समूह के शेयरों में जोरदार गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि इसके कुछ दिन बाद शेयरों में रिकवरी देखी गई. लेकिन अभी भी अडानी ग्रुप के शेयर पहले की तरह परफॉर्म नहीं कर रहे. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद ग्रुप ने कुछ डील भी की हैं. साथ ही अपना कर्ज कम करने की दिशा में भी काम किया है. लेकिन अब मॉरीशस से अडानी ग्रुप को राहत देने वाली खबर आ रही है.
24 जनवरी को आई थी हिंडनबर्ग रिपोर्ट
मॉरीशस में अडानी ग्रुप की फर्जी कंपनियां होने का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट को मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री ने संसद में ‘झूठा और आधारहीन’ बताया. उन्होंने कहा कि उनका देश ओईसीडी के तय टैक्स नियमों का पालन करता है. अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने गत 24 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अरबपति गौतम अडानी ने अपनी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों के भाव में हेराफेरी करने के लिए मॉरीशस में बनाई गई फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया है.
वित्तीय सेवा मंत्री ने दिया जवाब
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि मॉरीशस अपने निम्न कर ढांचे की वजह से विदेशी निवेशकों के बीच एक पसंदीदा स्थान बना हुआ है. ‘शेल’ यानी फर्जी कंपनी उस निष्क्रिय फर्म को कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल कर टैक्स कई तरह की वित्तीय धांधलियों को अंजाम दिया जाता है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोप के बारे में मॉरीशस के एक संसद सदस्य ने सरकार से सवाल पूछा था. उसके जवाब में वित्तीय सेवा मंत्री महेन कुमार सीरुत्तन ने कहा कि मॉरीशस का कानून फर्जी कंपनियों की मौजूदगी की इजाजत नहीं देता है.
शेल कंपनियों के आरोप झूठे और निराधार
सीरुत्तुन ने कहा, 'मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि मॉरीशस में शेल कंपनियों की मौजूदगी के आरोप झूठे और निराधार हैं. कानून के अनुसार मॉरीशस में शेल कंपनियों की अनुमति नहीं है.' उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा आयोग (FSC) से लाइसेंस लेने वाली सभी वैश्विक व्यापार कंपनियों को सतत आधार पर जरूरी शर्तों पर खरा उतरना होता है और आयोग इसपर कड़ी निगाह रखता है. उन्होंने कहा, ‘अब तक ऐसा कोई भी उल्लंघन नहीं पाया गया है.’
एफएससी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर गौर किया
मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री ने कहा कि एफएससी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर गौर किया है लेकिन कानून की गोपनीयता धारा से बंधे होने से इसके विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘वित्तीय सेवा आयोग न तो इनकार और न ही पुष्टि कर सकता है कि जांच की गई है या की जा रही है. वैश्विक व्यापार कंपनियों के बारे में जानकारी देना वित्तीय सेवा अधिनियम की धारा 83 का उल्लंघन होगा और इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.’
इससे पहले एफएससी के सीईओ धनेश्वरनाथ विकास ठाकुर ने कहा था कि मॉरीशस में अडानी ग्रुप से संबंधित सभी इकाइयों के प्रारंभिक मूल्यांकन में नियमों के अनुपालन में कोई खामी नहीं पाई गई है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप के बाद अडानी ग्रुप से जुड़ी कथित फर्जी कंपनियों का मामला चर्चा में है. अडानी ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी और शेयर की कीमत में हेराफेरी के आरोप लगाए जाने के बाद ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में एक समय 140 अरब डॉलर तक की भारी गिरावट आ गई थी.
अडानी ग्रुप ने शुरू से ही इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग के आरोप झूठे और गलत मंशा से लगाए गए हैं. मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री का बयान आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में गुरुवार को तेजी आ सकती है. इससे पहले गुरुवार को अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों के शेयर में गिरावट देखी गई थी और बाकी सपाट बंद हुए थे. (इनपुट भाषा से भी)